आमतौर पर खिलाड़ियों के परिवार में पैदा होने का मतलब होता है कि आपको भी सभी खेलने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। लेकिन कई मौकों पर इसके लिए भी लड़ना पड़ता है, खासतौर से अगर आप एक लड़की हों और बॉक्सिंग जैसा खेल हो। हरियाण के भिवानी की बॉक्सर जैसमिन लम्बोरिया की कहानी भी कुछ ऐसी ही है।
हरियाणा के भिवानी की रहने वाली जैसमिन के चाचा संदीप और परविंदर, दोनों ही बॉक्सर हैं। कुछ रिश्तेदार कुश्ती भी करते थे। लेकिन जैसमिन को बचपन में बॉक्सर बनने के सपने को शुरुआत में प्रोत्साहन नहीं मिला। बेटी का शौक शुरुआत से ही एथलेटिक्स और क्रिकेट में था। ऐसे में जब बेटी ने बॉक्सिंग करने की ठानी तो पिता जयवीर ने घर के बड़ों और समाज के दबाव में मना कर दिया। पिता ने बेटी से कोई दूसरा खेल चुनने को कहा, लेकिन जैसमिन नहीं मानी। ऐसे में जैसमिन को उनके चाचा संदीप और परविंदर से मदद मिली। दोनों ने जैसमिन के पिता को मनाया और आज उनकी बिटिया कॉमनवेल्थ खेलों में 60 किलोग्राम भार वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व कर रही है।
तैयारी में लड़कों से खूब घूंसे खाए
पिता के हां करने के बाद बॉक्सिंग की तैयारी करना इतना आसान नहीं रहा। शुरुआत में जैसमिन के चाचा संदीप उन्हें ट्रेनिंग के लिए अपने साथ भिवानी से बाहर ले गए, लेकिन जैसमिन को टक्कर देने के लिए महिला बॉक्सर नहीं मिलीं। ऐसे में संदीप जैसमिन को वापस लाए और परविंदर की लम्बोरिया बॉक्सिंग अकादमी ज्वाइन करवाई। लेकिन यहां भी सभी खिलाड़ी लड़के ही थे। ऐसे में जैसमिन ने ट्रेनिंग का मन बनाया। एक इंटरव्यू में जैसमिन ने बताया कि शुरुआती 2-3 साल तो ट्रेनिंग के दौरान वो लड़कों से पिटाई ही खाती रहीं। लड़कों के खिलाफ शुरुआत में शारीरिक तौर पर जैसमिन पिछड़ती थीं। लेकिन इससे उनका डिफेंस काफी मजबूत हो गया और धीरे-धीरे उनका अटैक भी अच्छा होता गया और वो अब अकादमी के लड़कों को भी कड़ी टक्कर देने लगीं।
टॉप खिलाड़ियों को हराकर किया क्वालीफाई
साल 2019 में जैसमिन ने ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में जैसमिन ने उसी साल एशियाई चैंपियनशीप में ब्रॉन्ज जीतने वाली मनीषा मोउन को हराकर सभी को चौंका दिया। जैसमिन ने मई में हुए IBA विश्व चैंपियनशिप के लिए हुए ट्रायल में पूर्व विश्व चैंपियनशिप ब्रॉन्ज मेडलिस्ट सिमरनजीत कौर को मात दी। इसके बाद कॉमनवेल्थ गेम्स के क्वालिफिकेशन में जैसमिन ने एक बार भी सिमरनजीत को हराया और फाइनल मुकाबले में तो जैसमिन ने हाल ही में विश्व चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज लाने वाली परवीन हूडा को हराया।
अब जैसमिन अपने पहले ही कॉमनवेल्थ खेलों में पदक जीतने को तैयार हैं। 60 किलोग्राम भार वर्ग में जैसमिन को पहले राउंड में बाई मिला है और सीधे क्वार्टरफाइनल में एंट्री मिली है। अगर जैसमिन ये बाउट जीत लेंगी तो सेमीफाइनल में पहुंच जाएंगी और उनका मेडल पक्का हो जाएगा। ऐसे में जैसमिन के कॉमनवेल्थ डेब्यू पर कई लोगों की निगाहें रहेंगी।