दो बार की विश्व चैंपियनशिप मेडल विजेता मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहेन गुरुवार को कोरोना वायरस पॉजिटिव निकली और इस कारण वह भारतीय दल के साथ इटली नहीं जा सकीं। बता दें कि भारतीय मुक्केबाजी दल 52 दिवसीय दौरे पर यूरोप रवाना होना हुआ, जो ट्रेनिंग कम प्रतियोगिता ट्रिप है। लवलीना बोर्गोहेन भी इस दल का हिस्सा थीं। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने 16 एलीट भारतीय मुक्केबाजों को यूरोप दौरे पर जाने की अनुमति दी, जो अक्टूबर से दिसंबर तक चलेगा।
जहां दो अन्य मुक्केबाज बिना किसी कारण के यात्रा नहीं कर सके, वहीं लवलीना बोर्गोहेन वायरस के संपर्क में आने की वजह से नहीं जा सकीं। लवलीना बोर्गोहेन की मां बीमार थी, जिस वजह से मुक्केबाज अपने गृहनगर असम लौटीं थीं। साई ने अपने बयान में कहा, 'दो बार की विश्व चैंपियनशिप ब्रॉन्ज मेडलिस्ट और ओलंपिक कोटा विजेता लवलीना बोर्गोहेन कोरोना वायरस टेस्ट में पॉजिटिव पाई गई हैं। वह 11 दिन की छुट्टी पर अपनी बीमार मां से मिलने के लिए गृहनगर असम गई थीं। यह बात भारत के यूरोप दौरे पर जाने से पहले की है।'
बयान में आगे कहा गया, '11 अक्टूबर को लवलीना बोर्गोहेन असम से लौटी और प्रोटोकॉल के मुताबिक शुरूआती टेस्ट में निगेटिव आईं। हालांकि, 15 अक्टूबर को दोबारा टेस्ट किया गया, तो वह पॉजिटिव निकलीं।' पता हो कि दिग्गज महिला मुक्केबाज एम मैरीकॉम (बीमारी) और विश्व चैंपियनशिप की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट मनीष कौशिक (चोट) भी दौरे पर नहीं जा सके।
लवलीना बोर्गोहेन अब दौरे पर नहीं जा सकेंगी
बता दें कि 23 साल की लवलीना बोर्गोहेन गुवाहाटी से लौटने के बाद एसओपी के मुताबिक एकांतवास में हैं। भारतीय मुक्केबाज असीसी में पहुंचेंगे। फिर इटली में ट्रेनिंग करेंगे और फिर फ्रांस व पोलैंड में प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे।
बता दें कि एमसी मैरीकॉम और अन्य दो मुक्केबाजों को छोड़कर भारत के ओलंपिक संभावित मुक्केबाज 52 दिवसीय ट्रेनिंग कम प्रतियोगिता यात्रा पर इटली और फ्रांस जाएंगे। इससे वह टोक्यो ओलंपिक्स की तैयारी करेंगे। मैरीकॉम अभी डेंगू से ठीक हो रही हैं और उन्होंने कोविड-19 खतरे के कारण इस साल विदेश यात्रा नहीं करने का फैसला किया है। यूरोप का ट्रेंनिक काम 15 अक्टूबर से शुरू होगा।
इस दौरे पर जाने को लेकर लवलीना बोर्गोहेन ने काफी उत्सुकता जताई थीं। लवलीना बोर्गोहेन ने कहा था, 'यह अच्छी बात है कि हमें दोबारा प्रतियोगिता का एहसास होगा। मैं इसको लेकर काफी उत्साहित हूं। ओलंपिक्स से 10 महीने पहले यूरोपीय विरोधियों के खिलाफ स्पर्धा से काफी मदद मिलेगी।'