विश्व के सबसे लोकप्रिय बॉक्सर मोहम्मद अली का 74 साल की उम्र में एरिज़ोना के फेयोनिक्स में देहांत हुआ। साल 1984 से अली पार्किंसन से ग्रस्त थे। 20 वीं सदी के सबसे बड़े खिलाडी को वर्ल्ड बॉक्सिंग एसोसिएशन ने तीन बार 1964, 1974 और 1978 में वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियन घोषित किया। बॉक्सिंग के अलावा उनका जातिवाद और वियतनाम के युद्ध के समय लिया गया फैसला सराहनीय था। इसके बाद वें ग्लोबल स्टार बन गए और बॉक्सिंग की अपनी लोकप्रियता के कारण उन्होंने परोपकार की दुनिया में कदम रखा। उनके जाने के बाद आज स्पोर्टसकीदा उनसे जुडी 10 अनसुनी कहानियां आपको सुनाने ज रहा है: #1 साइकिल चुरा कर उन्होंने बॉक्सिंग में कदम रखा अगर मोहम्मद अली साइकिल नहीं चुराते औ जो मार्टिन से नहीं मिलते तो शायद वें बॉक्सिंग रिंग में कदम नहीं रखते। 12 वर्षीय कैसिउस क्ले (मोहम्मद अली) अपने दोस्त के साथ कोलंबिया के ऑडिटोरियम में एक प्रोग्राम में शिरकत कर रहे थे। वापसी पर उन्हें उनकी नई साइकिल नहीं दिखाई दी। रट हुए वें इसे ढूँढ़ते-ढूँढ़ते बेसमेंट में पहुंचे। बेसमेंट बॉक्सिंग जिम था जहाँ पर पुलिस कर्मी जो मार्टिन की मुलाकात रोते हुए क्ले से हुई और उन्होंने उनसे एक सवाल किया जिससे अली की ज़िन्दगी बदल गयी। मार्टिन ने पूछा, "तुम लड़ना जानते हो?" क्ले ने कहा, "नहीं जनता, लेकिन मैं ज़रूर लड़ूंगा।" तो मार्टिन ने उन्हें सुझाया "पहले लड़ना सीख लो, बाद में चुनौती लेना।" इस सुझाव पर अमल करते हुए क्ले ने बॉक्सिंग सीखनी शुरू की। #2 मोहम्मद अली को कैसिउस एक्स का नाम चाहिए था 1964 में अली ने घोषणा की कि वें इस्लाम को अपनाएंगे और मलकम एक्स की तरह अपना नाम कैसिउस एक्स रखेंगे। एक्स सरनेम अपने के पीछे का कारण मलकम एक्स ने इंटरव्यू में बताया, "मेरे पूर्वज जब अमेरिका आएं थे तब उन्हें यहाँ नौकर बनाकर उनसे उनका कुलनाम ले लिया गया था और फिर मालिक का नाम दिया गया था जिसे हमने अपनाने से मना कर दिया। चाहे कुछ भी हो जाये, हम इसे नहीं अपनानेवाले थे।" फिर 6 मार्च 1964 को नेशन ऑफ़ इस्लाम के मुखिया एलिजा मुहम्मद ने उन्हें मोहम्मद अली क नाम दिया। अली ने बाद में बताया "कैसिउस क्ले नाम नौकर का होता है। क्ले मतलब मिट्टी और मुझे ये नाम पसंद नहीं था। अब मेरा नाम मोहम्मद अली है। मोहम्मद मतलब "स्तुति के योग्य" और अली मतलब "सबसे ऊपर"। मैं चाहूँगा की आगे भी लोग मुझे इसी नाम से जाने।" #3 बॉक्सर ने वियतनाम युद्ध में लड़ने से इंकार कर दिया साल 1967 में वियतनाम युद्ध के समय बाकि अमेरिकियों की तरह ही अली को युद्ध में हिस्सा लेने को कहा गया। लेकिन नेशन ऑफ़ इस्लाम का हिस्सा होने के नाते उन्होंने लड़ाई में भाग लेने से मना कर दिया। उस समय कैसिउस क्ले के नाम से जाने जानेवाले अली ने कहा, "एक मुस्लिम होने के नाते और मेरी चेतना कह रही है इसलिए मैं इस युद्ध में हिस्सा नहीं ले सकता। ये फैसला मैं अपन पूरी होशो हवास में ले रहा हूँ। #4 अली का बॉक्सिंग लाइसेंस रद्द किया गया था अली पर मसौदा चोरी के आरोप में $10,000 का जुर्माना और पांच साल की सजा सुनाई गयी थी। न्यूयॉर्क बॉक्सिंग एसोसिएशन ने उनका लाइसेंस रद्द कर दिया और कहा गया की ये खेल के लिए सही है। 1970 में न्यूयॉर्क स्टेट सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें उनका लाइसेंस वापस करने और वापस रिंग में मुकबला करने देने क आदेश दिया। इसके बाद 1970 में अली रिंग में उतरे और जैरी कुआरी को नोकआउट किया। उसी साल US सुप्रीम कोर्ट ने अली पर लगे आरोप खारिज किये। #5 अली को ग्रैमी के लिए नामांकित किया गया था 1963 में अली ने कोलंबिया रिकॉर्ड्स में आईएम द ग्रेटेस्ट नाम से कॉमेडी एल्बम निकाली। और फिर 200 लोगों के सामने लाइव परफॉरमेंस करने के पहले उन्होंने गैरी बेलकिं के साथ इसे क्लाब्रोत किया। ये कमाल का हुआ और अली को ग्रैमी के लिए नामांकित किया गया। 1976 में अली ने फ्रेंक सिनात्रा, ओस्सिए डेविस, हावर्ड कोसल के साथ गाना गया। इस एल्बम का नाम अली एंड हिज गैंग बनाम मिस्टर टूथ डीके। #6 1996 के ओलिंपिक में अली को मेडल बदल कर दिया गया था 1960 रोम के समर ओलंपिक्स में अली ने लाइट हैवीवेट में स्वर्ण पदक जीता था और अपनी आत्मकथा में उन्होंने बताया कि उन्होंने ये पदक ऑहियो नदी में बहाया दिया क्योंकि अभी भी उनके शहर में जातिवाद चालू था। इसी के विरोध में उन्होंने अपना पदक नदी में बहा दिया। ऐसी कहानी थी जिसपर बाद में अली मुकर गए। उन्होंने बाद में बताया की उन्होंने कहीं मैडल खो दिया है, उसे फेंका नहीं। 1996 की समर ओलिंपिक जिसकी मशाल अली ने जलाई, वहाँ पर IOC ने उन्हें खोये हुए मेडल के बदले एक और मैडल दिया। #7 सबसे बड़े बॉक्सर अपने दौर के सबसे बड़े क्रिकेटर से भी मिले साल 1966 में मोहम्मद अली अटलांटिक पार कर के इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच मैच देखने गए जहाँ पर उन्होंने अपने पसंदीदा क्रिकेटर सर गारफिर्ल्ड सोबर्स को खेलते देखा। इसके कई यादगार लम्हे तस्वीर में हैं जहाँ पर अली लॉर्ड्स की ड्रेसिंग रूम में बल्लेबाज़ी की कोशिश कर रहे हैं। लॉर्ड्स की बालकनी में वें सर सोबर्स के साथ बैठे थे। #8 उन्होंने अपनी महानता की भविष्यवाणी की लोकप्रिय होने के पहले ही अली ने मैच के नतीजे की भविष्यवाणी कर दी। उन्होंने अपनी महानता की भविष्यवाणी की। जनवरी 1964 में लिस्टोन के खिलाफ मैच के पहले वर्कआउट करके 22 वर्षीय अली ने अपने ग्लोव से पसीना पोछा। फिर उन्होंने पेन से ग्लोव पर लिखा "कैसिउस क्ले की ओर से" और बड़े अक्षरों में लिखा "दुनिया क अगला वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियन।" इसे फिर रेखांकित किया। आज वो ग्लोव पॉल गरदुल्लो की देखरेख में डंडी परिवार के पास है और इसे नेशनल म्यूजियम ऑफ़ अफ्रीकन अमेरिकन हिस्ट्री एंड कल्चर में रखा गया है। #9 अली को सुगर रे रॉबिनसन ने मिलने से मन कर दिया था युवा कैसिउस क्ले शुगर रे के प्रसंशक थे, ये कहना छोटी बात होगी। मोहम्मद अली शुगर रे को "द किंग, द मास्टर और उनका आइडल" कहते थे। लेकिन उन्हें 1960 में बाद झटका लगा जब उनके आइडल ने उनसे मिलने से मना कर दिया। बाद में अली ने कहा,"तब मैंने फैसला कर लिया मैं कभी भी अपने प्रसंशक को मना नहीं करूँगा। वें आगे भी ऐसे रहे। उन्होंने कहा "मैं लोगों का चैंपियन हूँ, आप कभी भी मुझसे मिलकर हेल्लो बोल सकते हैं, बिना कोई पैसे दिए।" #10 MMA के मार्ग निर्माता थे 26 जून 1976 को मोहम्मद अली का मुकाबला जापानी प्रोफेशनल रैसलर अंतोनियो इनोकि से टोक्यो के निप्पन बुडोकन में हुआ। इस पूर्व WBC/WBA के हैवीवेट चैंपियन को इनोकि ने कड़ा मुकाबला दिया। इनोकि प्रो रैस्लिंग को बेहतर बताने के लिए आपने मार्शल आर्ट का इस्तेमाल करने लगे। इस मैच में विशेष नियम थे क्योंकि ये मॉडर्न मिक्स्ड मार्शल आर्ट था। लेखक: अमित सिन्हा, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी