1960 रोम के समर ओलंपिक्स में अली ने लाइट हैवीवेट में स्वर्ण पदक जीता था और अपनी आत्मकथा में उन्होंने बताया कि उन्होंने ये पदक ऑहियो नदी में बहाया दिया क्योंकि अभी भी उनके शहर में जातिवाद चालू था। इसी के विरोध में उन्होंने अपना पदक नदी में बहा दिया। ऐसी कहानी थी जिसपर बाद में अली मुकर गए। उन्होंने बाद में बताया की उन्होंने कहीं मैडल खो दिया है, उसे फेंका नहीं। 1996 की समर ओलिंपिक जिसकी मशाल अली ने जलाई, वहाँ पर IOC ने उन्हें खोये हुए मेडल के बदले एक और मैडल दिया।
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