अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी महासंघ (एआईबीए) ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के इस साल ओलंपिक्स के लिए खेल के विश्व क्वालीफायर्स रद्द करने पर सवाल खड़े किए हैं। एआईबीए ने कहा कि क्वालीफायर के बजाय रैंकिंग के हिसाब से कोटा देने से कई युवा टोक्यो में प्रतिस्पर्धा करने से चूक जाएंगे।
टोक्यो में मुक्केबाजी की मुख्य स्पर्धाओं और क्वालीफायर के आयोजन की जिम्मेदारी आईओसी के मुक्केबाजी कार्य दल (टास्क फोर्स) की है, लेकिन उसने दुनिया भर में कोविड-19 पाबंदियों को देखते हुए विश्व क्वालीफायर रद्द करने का फैसला किया और यूरोपीय क्वालीफायर जून से अप्रैल तक खिसका दिए।
आईओसी ने कथित प्रशासनिक और वित्तीय कुप्रबंधन के लिए निलंबित एआईबीए ने कहा कि प्रतियोगिताओं का आयोजन संभव था और इसका तरीका निकालने के लिए और विचार किया जाना चाहिए था।
एआईबीए टूर्नामेंट की मेजबानी को तैयार
एआईबीए ने बयान में कहा, 'हम आईओसी कार्य दल के साथियों के फैसले का सम्मान करते हैं। हमारे लिए ओलंपिक कार्यक्रम में बॉक्सिंग का होना हमारे खिलाड़ियों का ओलंपिक सपना पूरा करने के लिए काफी महत्वपूर्ण है। हालांकि हम मानते हैं कि क्वालीफायर को बरकरार रखना संभव था। हम अपने खिलाड़ियों, कोचों और अधिकारियों के लिए स्वास्थ्य देखभाल का स्वागत करते हैं, इस महामारी की स्थिति में यह हमारी भी प्राथमिकता है। इस चुनौतीपूर्ण समय में, एआईबीए सभी सुरक्षा उपायों का पालन करके ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट की मेजबानी करने की कोशिश करेगा।'
आईओसी ने कहा कि जुलाई-अगस्त में होने वाले खेलों के लिए 53 खाली ओलंपिक स्थान रैंकिंग प्रणाली का इस्तेमाल करके भरे जायेंगे, जिसमें 2017 से सीनियर टूर्नामेंट के प्रदर्शनों को ध्यान रखा जायेगा। एआईबीए ने कहा कि युवा खिलाड़ियों के लिये यह बड़े झटके से कम नहीं है क्योंकि युवा प्रदर्शन की इससे अनदेखी होगी।
बयान में आगे कहा गया, 'रैंकिंग प्रणाली पिछले वर्षों के अहम टूर्नामेंट के आधार पर तैयार की जाती है, जिसमें युवा टूर्नामेंटों को नहीं लिया जाता इसलिये 2001-02 में जन्में युवा मुक्केबाजों से खेलों में भाग लेने और अपना सपना पूरा करने का मौका छिन जायेगा।'
एआईबीए ने यूरोपियन क्वालीफायर्स के स्थगित होने पर सवाल खड़े किए और कहा कि इस कदम से एथलीट्स की ट्रेनिंग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसमें कारण दिया गया, 'मुक्केबाजों ने एक साल तक कुछ नहीं किया और अब दोबारा सर्वश्रेष्ठ तरीके से ट्रेनिंग प्रक्रिया पर असर पड़ेगा। इससे ओलंपिक टूर्नामेंट के लिए प्रतिस्पर्धियों के गुण पर असर पड़ेगा।'