एशियाई सिल्वर मेडलिस्ट दीपक कुमार (52 किग्रा) ने शानदार जीत के साथ क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया है, जबकि बुल्गारिया में साफिया में 72वें एसरांजा मेमोलियल टूर्नामेंट की शुरूआत में भारतीय मुक्केबाजों का प्रदर्शन मिला-जुला रहा। 2019 भारत ओपन गोल्ड मेडलिस्ट दीपक कुमार ने उद्घाटन बाउट में कजाख्स्तान के ओलझास बैइनियाजोव को 5-0 से मात देकर आखिरी आठ चरण में जगह बनाई।
पुरुषों और महिला ड्रॉ में सोमवार को अन्य विजेताओं में नवीन कुमार (91 किग्रा) और ज्योति (51 किग्रा) का नाम शामिल रहा। नवीन ने अमेरिका के डारियस फुलघम को करीबी मुकाबले में 3-2 से मात दी। वहीं ज्योति ने यूक्रेन की टेतियाना कोब को 4-1 से हराया। हालांकि, शशि चोपड़ा (60 किग्रा), ललिता (69 किग्रा) और साक्षी (57 किग्रा) को अपने पहले मुकाबले में शिकस्त मिली और वह प्रतियोगिता से बाहर हुईं।
भारतीय मुक्केबाजों के लिए मिला-जुला रहा दिन
शशि को ब्राजील की बीट्रीज फेरीरा के हाथों 0-5 की शिकस्त झेलनी पड़ी। वहीं ललिता उज्बेकिस्तान की नवाबाखोर खामिदोवा के हाथों इसी अंतर से पराजित हुईं। साक्षी को अमेरिका की एंड्रिया मेडिना ने 4-1 के अंतर से मात दी। पुरुषों की स्पर्धा में नवीन बूरा (69 किग्रा) और अंकित खटाना (75 किग्रा) को टूर्नामेंट के प्री-क्वार्टरफाइनल में बाय मिला। बता दें कि इस टूर्नामेंट में 30 देशों के मुक्केबाज नजर आ रहे हैं, जिसमें फ्रांस, आयरलैंड, कजाख्स्तान, रूस, स्वीडन, यूक्रेन, अमेरिका और उज्बेकिस्तान शामिल है। भारत ने इस प्रतिष्ठि टूर्नामेंट के लिए 12 सदस्यीय दल भेजा, जिसमें सात पुरुष मुक्केबाज और पांच महिला मुक्केबाज शामिल हैं।
बता दें कि बुल्गारिया में 72वें स्ट्रांजा प्रतियोगिता 22 से 27 फरवरी तक आयोजित होगी। इसके आयोजन पर क्रेमेलीव ने कहा था, 'मैं बहुत खुश हूं कि स्ट्रांजा जसी प्रतिष्ठित प्रतियोगिता को आयोजित करने में महामारी कोई बाधा नहीं पहुंचा सकी। अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग प्रैक्टिस एथलीट्स के लिए किसी भी चीज से बढ़कर है। मैं बहुत खुश हूं कि इन टूर्नामेंट्स में कितने मजबूत एथलीट्स हिस्सा ले रहे हैं। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और उम्मीद करता हूं कि शानदार फाइट देखने को मिलेगी।'
एआईबीए अध्यक्ष की योजना है कि वह प्रतिस्पर्धियों के साथ ट्रेनिंग सेशन आयोजित करें, जो अपने सवाल सीधे क्रेमलीव से पूछ सकते हैं। अध्यक्ष ने कहा,'हमने एथलीट्स और कोच के साथ सीधे संप्रेषण का कोर्स स्थापित किया है और हम भविष्य में भी इस पर टिके रहेंगे। यहां कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। एआईबीए हमारे महत्वपूर्ण सदस्यों, एथलीट्स और कोच के साथ घर है। किसी भी समय वो मदद और समर्थन के लिए संपर्क कर सकते हैं। यह हमारी कोशिश होगी कि कोच और एथलीट्स को सर्वश्रेष्ठ स्थिति मुहैया करा सके।'