दिग्गज बॉक्सर और ओलंपिक मेडलिस्ट विजेंदर सिंह ने बुधवार को सुविधाओं से वंचित स्कूली बच्चों के साथ मुलाकात की और अपने अनुभव शेयर किए। इस कार्यक्रम का आयोजन पोकर वेबसाइट पोकरबाजी द्वारा गुरुग्राम के एक स्कूल में किया गया था।
इस मौके पर करीब 80-100 बच्चों को विजेंदर सिंह के साथ मुलाकात करने और उनसे बातचीत करने का मौका मिला। विजेंदर सिंह ने भी सभी बच्चों के सवालों का बखूबी जवाब दिया और उन्हें कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा दी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं ओलंपिक में मेडल जीतुंगा। उन्होंने बच्चों से कहा कि आप अपने जीवन में कड़ी मेहनत करते रहिए, इसके बाद सब सही होगा। उन्होंने कहा कि अगर आप अपने काम में सर्वश्रेष्ठ हैं तो कोई भी आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता है।
विजेंदर सिंह ने आगे कहा कि अभी मैंने शुरुआत की है और आगे काफी कुछ करना है। वहीं एक सवाल के जवाब में उन्होंने ये भी बताया कि उन्होंने पहले हॉकी में भी हाथ आजमाया था लेकिन उस वक्त हॉकी स्टिक और उसके सभी सामान काफी महंगे होते थे, इसलिए उन्होंने उसे छोड़ दिया। इसके बाद जिम्नास्टिक में भी उन्होंने अपना हाथ आजमाया लेकिन वो भी नहीं हुआ। इन सबके बाद उन्होंने फिर बॉक्सिंग का रुख किया।
एक सवाल के जवाब में विजेंदर ने कहा कि उन्हें दिग्गज क्रिकेटर और भारत रत्न खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर से काफी प्रेरणा मिलती है। क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में काफी कुछ हासिल किया है और भारत रत्न बने हैं। भारत रत्न जैसा सम्मान मिलना काफी बड़ी बात होती है। उन्होंने बताया कि उनकी ट्रेनिंग करीब 7-8 घंटे की होती है, जिसमें कई तरह की एक्सरसाइज शमिल होती हैं। कार्यक्रम में विजेंदर ने बच्चों को गिफ्ट भी वितरित किए।
आपको बता दें कि विजेंदर सिंह ने 2008 के ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार और पद्म श्री से भी नवाजा जा चुका है।