भारतीय मुक्केबाज सिमरनजीत कौर के लिए कड़वा 2020 अच्छे नतीजे के साथ समाप्त हुआ। यूरोप में एक्पोजर ट्रिप के आखिरी चरण में भारतीय बॉक्सिंग दल ने कोलोग्ने विश्व कप में तीन गोल्ड मेडल्स जीते। सिमरनजीत कौर (60 किग्रा) उन तीन खिलाड़ियों में से एक थीं, जिनके गले में गोल्ड मेडल सजा था।
सिमरनजीत कौर ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में वह समय याद किया जब महामारी के कारण महीनों तक दुनिया को इंडोर में रहना पड़ा। सिमरनजीत कौर ने कहा, 'लॉकडाउन अवधि ने आपको मानसिक रूप से भी परेशान किया था, जैसे कुछ बचा ही नहीं हो, ऐसा लगा कि मैं फाइट करना भूल गई हूं। साल का अंत गोल्ड मेडल के साथ करना अच्छा लगा।'
25 साल की लुधियाना की मुक्केबाज सिमरनजीत कौर ने जर्मनी की विरोधी माया क्लीनहांस को फाइनल में 4-1 से मात दी थी। मनीषा मौन (57 किग्रा) और अमित पंघाल (52 किग्रा) ने भी भारत के लिए गोल्ड मेडल जीते। प्रतियोगिता के अंत में भारत दूसरे स्थान पर रहा। उसने तीन गोल्ड, दो सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल जीते। मुक्केबाज 21 दिसंबर को भारत लौटे। एक्सपोजर ट्रिप 15 अक्टूबर से शुरू हुई थी। भारतीय मुक्केबाजों को इटली में असिसी में ठहराया गया था।
इससे पहले पटियाला में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स में नेशनल कैंप आयोजित किया गया था। मगर सरकार के कोविड-19 प्रोटोकॉल के मुताबिक अनुमतिनहीं मिलने पर भारतीय मुक्केबाजी संघ और भारतीय खेल प्राधिकरण ने यूरोप के एक्सपोजर दौरे पर कोच की गुजारिश पर मंजूरी दी।
सिमरनजीत कौर ने कहा, 'यह लंबा दौरा था, लगभग दो महीने तक चला। हमें विभिन्न जोड़ीदारों के साथ खेलने का मौका मिला, जिसमें इटली और फ्रांस शामिल थे। फिर लंबे समय बाद जर्मनी में हमारी प्रतियोगिता हुई।' कोलोग्ने विश्व कप में जर्मनी के अलावा बेल्जियम, क्रोएशिया, डेनमार्क, फ्रांस, मोल्दोवा, नीदरलैंड्स, पौलेंड, भारत और यूक्रेन के मुक्केबाजों ने हिस्सा लिया था।
सिमरनजीत कौर ने सुनाई अपनी दांस्ता
बिना गतिविधि के चार महीने बाद जुलाई में ट्रेनिंग दोबारा शुरू करने के समय को याद करते हुए सिमरनजीत कौर ने बताया कि उन्हें दोबारा आकार में लौटने में दो सप्ताह का समय लग गया। मार्च में एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर्स में महिलाओं के 60 किग्रा वर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल करने वाली सिमरनजीत कौर ने कहा, 'लॉकडाउन के दौरान मैंने फिजिकल फिटनेस की। नेशनल कैंप में मुझे लय में लौटने में दो सप्ताह का समय लग गया। एक बार हमने ट्रेनिंग शुरू की, तो मानसिक रूप से मुझे मजबूती महसूस हुई। यूरोप में मुक्केबाजों के साथ ट्रेनिंग करने पर मैंने तकनीकी रूप से काफी कुछ सीखा व सुधार हुआ। कोच ने मुझे यह भी कहा कि वह मेरे बाउट्स से काफी प्रभावित हैं।'
अपनी तकनीक में सुधार के बारे में ज्यादा बात करते हुए सिमरनजीत कौर ने विशेष चीजें बताईं। सिमरनजीत कौर ने कहा, 'प्रत्येक देश में अलग ताकत वाले मुक्केबाज मिलते हैं। फ्रांस के मुक्केबाज दमदार और इटली के मुक्केबाज इससे बिलकुल उलट, वो बहुत तेज हैं। मगर शैली के स्तर दोनों में काफी कम फर्क है। हर कोई आपको कुछ सिखाता है।' सिमरनजीत कौर ने आगे कहा, 'मैंने अपने डिफेंस पर काफी काम किया है क्योंकि यह मेरा कमजोर पक्ष कहलाता था। मगर यूरोप में इस यात्रा के बाद मैं महसूस कर सकती हूं कि अपनी तकनीक के पहलु पर मैं बेहतर महसूस कर रही हूं।' अगला नेशनल कैंप जनवरी के पहले सप्ताह में शुरू होने की संभावना है।