एमेच्योर और पेशेवर मुक्केबाजी में जादूई करियर बनाना मुश्किल है। यह बात स्टार भारतीय मुक्केबाज विकास कृष्ण यादव ने स्वीकार की। मगर कॉमनवेल्थ गेम्स चैंपियन विकास कृष्ण यादव ने कहा कि ओलंपिक गोल्ड जीतने के लिए उनके लिए यह सबकुछ करना सही है। 2018 कॉमनवेल्थ गेस और एशियाई गेम्स में क्रमश: मिडिलवेट में गोल्ड व ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले 28 साल के विकास कृष्ण यादव ने पिछले साल पेशेवर मुक्केबाजी में कदम रखा था। उन्होंने अब तक अपने दोनों बाउट जीते हैं।
विकास कृष्ण यादव ने पिछले साल दिसंबर में दोबारा एमेच्योर में वापसी की और टोक्यो ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई किया। विकास कृष्णन यादव संभवत: अगले महीने अमेरिका में प्रो सर्किट में जाएंगे। विकास कृष्ण यादव ने आईआईएस की दूसरी सालगिरह पर आयोजित वेबीनार में कहा, 'एमेच्योर और पेशेवर मुक्केबाजी अलग-अलग है। इसलिए एक से दूसरे में स्विच करना आसान नहीं है। एमेच्योर मुक्केबाजी में आपको अंक हासिल करना रहते हैं जबकि पेशेवर मुक्केबाजी में आपको विरोधी को चोट पहुंचाना होता है। मगर आपको ओलंपिक्स में गोल्ड जीतने के लिए कुछ अलग करना होता है।'
विकास कृष्ण यादव ने आगे कहा, 'आप अन्य लोगों के जैसे ओलंपिक गोल्ड जीतने के लिए अभ्यास नहीं कर सकते। आपको कुछ अलग करना होगा।' ओलंपिक में भारत की तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन विजेंदर सिंह (2008 बीजिंग) और एमसी मैरीकॉम (2012, लंदन) ने किया है। दोनों मुक्केबाजों ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
विकास कृष्ण यादव इस समय बेंगलुरु में आईआईएस में ट्रेनिंग कर रहे हैं। अगले साल ओलंपिक की योजना के सवाल पर विकास कृष्णन ने कहा, 'ओलंपिक में क्वालीफाई करने का मेरा पहला लक्ष्य पूरा हो चुका है। अब मुझे पेशेवर बाउट में ट्रेनिंग करते हुए चार महीने हो चुके हैं। मैं जनवरी और फरवरी में लौटकर ओलंपिक्स की तैयारी करूंगा। मैं दुनिया के सर्वश्रेष्ठ में से एक के साथ ट्रेनिंग कर रहा हूं। मैं सितंबर और अक्टूबर में पेशेवर बाउट के लिए तैयार हूं। इसके बाद कोच मेरी गलतियां खोजेंगे और ओलंपिक्स के लिए इस पर काम करेंगे।'
विकास कृष्ण यादव ओलंपिक के बाद पेशेवर मुक्केबाजी पर लगाएंगे पूरा ध्यान
विकास कृष्ण यादव ने कहा कि ओलंपिक मिशन पूरा होने के बाद वह पूरा ध्यान पेशेवर मुक्केबाजी में लगाएंगे। विकास कृष्ण यादव ने कहा, 'मेरी सोच अभी ऐसी है कि ओलंपिक्स में मुझे गोल्ड दे दो और मेरी जिंदगी ले लो। मैं टोक्यो ओलंपिक के बाद एमेच्योर मुक्केबाजी के बारे में नहीं सोच रहा हूं। टोक्यो में गोल्ड जीतने के बाद मैं पूरी तरह पेशेवर मुक्केबाजी में ध्यान लगाउंगा। पेशेवर मुक्केबाजी में लंबे समय तक भारत का नाम गौरवान्वित करना चाहूंगा।'
विकास कृष्ण यादव ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण टोक्यो ओलंपिक्स के एक साल स्थगित होने से उन्हें तैयारी करने का ज्यादा समय मिल गया है। विकास कृष्णन यादव ने कहा, 'जब स्थगित होने की घोषणा हुई तो मुझे ज्यादा खुशी नहीं हुई। मुझे लगा कि यह जिंदगी का हिस्सा है और ऐसा होना ही था। मैंने चीजें सकारात्मक अंदाज में ली। पिछली बार मैंने देरी से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था और तैयारी करने का ज्यादा समय नहीं था। इस बार मुझे ओलंपिक गोल्ड जीतने के लिए एक साल ज्यादा समय मिला है।'