रुस में चल रहे महिला वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत की दिग्गज बॉक्सर एमसी मैरी कॉम को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। सेमीफाइनल मुकाबले में तुर्की की बॉक्सर ने उन्हें 4-1 से हरा दिया। इसके साथ ही मैरी कॉम का सफर यहीं पर खत्म हो गया।
बाउट खत्म होने के बाद पांच जजों ने तुर्की की खिलाड़ी के पक्ष में 28-29, 30-27, 29-28, 29-28, 30-27 से फैसला सुनाया। मैरी कॉम 48 किलोग्राम भार वर्ग में छह बार विश्व चैम्पियन रह चुकी हैं और 51 किलोग्राम भार वर्ग विश्व चैम्पियनशिप में उनका ये पहला पदक है।
हालांकि भारत ने इस रिजल्ट के खिलाफ अपील भी किया लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बॉक्सिंग संगठन की तकनीकी समिति ने उनकी इस अपील को खारिज कर दिया। नियमों के मुताबिक इस अपील को तभी स्वीकार किया जाता है जब स्कोरलाइन 3-1 या 3-2 होती है।
भारत की अपील खारिज किए जाने के बावजूद मैरी कॉम जजों के फैसलों से खुश नहीं दिखीं और इसी वजह से उन्होंने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया। उन्होंने अपने ट्वीट में खेल मंत्री किरण रिजिजू और प्रधानमंत्री ऑफिस को भी टैग किया।
हालांकि इस हार के बावजूद मैरी कॉम की ये एक और बड़ी उपलब्धि है। 36 साल की मैरी कॉम 6 बार वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब जीत चुकी हैं। अगर वो यहां पर गोल्ड मेडल जीतती तो ये उनका सातवां वर्ल्ड टाइटल होता। एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में भी उनके नाम गोल्ड मेडल हैं। इसके अलावा 2012 के ओलंपिक में भी वो ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं। उन्होंने गुवाहाटी में इंडिया ओपन और इंडोनेशिया में प्रेसिडेंट ओपन में भी गोल्ड मेडल अपने नाम किया था।
वहीं भारत की एक और बॉक्सर मंजू रानी ने इतिहास रच दिया। 48 किलोग्राम भारवर्ग में वो फाइनल में पहुंच गई हैं। सेमीफाइनल मुकाबले में उन्होंने थाईलैंड की खिलाड़ी को हराया। 18 साल के बाद ये पहली बार हुआ है जब किसी महिला बॉक्सर ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में अपने डेब्यू में ही फाइनल में जगह बना ली हो।