रविवार को ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न ग्राउंड पर भारतीय महिला क्रिकेट टीम को हार का मुंह देखना पड़ा। जहां आईसीसी महिला टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट टीम ने भारत को 85 रनों से हरा दिया और इस जीत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने ये खिताब अपने नाम कर लिया। ऐसे में भारतीय खेमा जहां दुखी दिखा, तो वहीं ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट टीम के फैंस काफी उत्साहित नजर आए। वहीं इन सबके बीच मैच में कुछ ऐसा हुआ जिसकी वजह से भारतीय महिला क्रिकेट टीम की तरफ से 11 नहीं बल्कि 12 खिलाड़ियों ने बल्लेबाजी की। चौंकिए मत क्योंकि ऐसा सच में हुआ।
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कैसे खेले 12 खिलाड़ी
दरअसल, भारतीय महिला टीम की तरफ से 11 की जगह 12 खिलाड़ियों ने बल्लेबाजी की। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि विकेटकीपर बल्लेबाज तानिया भाटिया को फाइनल मैच के दौरान गर्दन पर गेंद लगी और वो बेहोशी जैसी स्थिति के कारण रिटायर्ड हर्ट होकर मैच से बाहर हो गई। ऐसे में उनकी जगह रिचा घोष बल्लेबाजी करने के लिए आई। हालांकि, वो प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं थी, लेकिन आईसीसी के नियम के अनुसार रिचा घोष कन्कशन सबस्टीट्यूट बल्लेबाजी के रूप में बल्लेबाजी करने आई। ऐसे में टीम इंडिया की तरफ से कुल 12 बल्लेबाजों ने बल्लेबाजी की। बावजूद इसके टीम ये मैच नहीं जीत पाई।
क्या कहता है आईसीसी का नियम
आईसीसी के नियम के मुताबिक, किसी भी स्पर्धा में कन्कशन सबस्टीट्यूट लागू है। इसके अनुसार किसी खिलाड़ी के सिर में चोट लगने के बाद अगर उसकी बेहोशी जैसी स्थिति होने लगती है, तो उसकी जगह पर उसी रोल का खिलाड़ी टीम में शामिल किया जा सकता है। गौरतलब, है कि फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया टीम ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करते हुए बोर्ड पर 4 विकेट गंवाकर 184 रन बनाए। इसके जवाब में भारतीय महिला टीम 19.1 ओवर में महज 99 रन बनाकर ढेर हो गई। ऐसे में भारतीय महिला क्रिकेट टीम का पहली बार विश्व विजेता बनने का सपना इस बार टूट गया।