आईपीएल के लिए किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रॉयल्स की टीम सबसे पहले यूएई पहुँचने वाली टीमों में शामिल थी। दोनों का क्वारंटीन का समय पूरा हो गया है। आईपीएल की तैयारियों के लिए दोनों टीमें अभ्यास के लिए जा सकती है। आईपीएल के लिए कड़े नियमों में से एक कोरोना टेस्ट कराना भी था। तीन बाए कोरोना परीक्षण में खिलाड़ी नेगेटिव आए हैं और अब उन्हें तैयारी के लिए जाने की अनुमति दी गई है लेकिन बायो सिक्योर्ड बबल में ही सब काम होगा। आईपीएल टीमों के खिलाड़ी बबल से बाहर नहीं जा सकते।
भारत में कोरोना टेस्ट के बाद टीमों को यूएई में जाना था और इसके बाद वहां भी छह दिन का क्वारंटीन तय किया गया था। यह समय पूरा होने के और कोरोना टेस्ट में नेगेटिव आने के बाद बायो सिक्योर्ड बबल में एंट्री मिलती है। किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रॉयल्स की टीमें इस प्रक्रिया से गुजर चुकी हैं।
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आईपीएल में है बायो सिक्योर्ड बबल
पिछले कुछ महीनों में बायो सिक्योर्ड बबल का नाम तो सभी ने सुना है लेकिन वास्तव में यह क्या है इसकी जानकारी कम ही लोगों को पता होती है। बायो सिक्योर्ड बबल में खिलाड़ी, होटल स्टाफ, बस स्टाफ, टीम मैनेजमेंट आदि से कोई भी नया व्यक्ति सम्पर्क नहीं कर सकता। यानी हर दिन वही लोग आपस में सम्पर्क में आ सकते हैं जिन्हें सबसे पहले एक ग्रुप में शामिल किया गया हो। नया व्यक्ति इसमें लाया भी जाता है, तो क्वारंटीन और दो बार कोरोना टेस्ट नेगेटिव आने के बाद ही उसे प्रवेश मिलता है।
खिलाड़ियों के परिवारों को भी आईपीएल में आने की अनुमति दी गई है लेकिन उनके लिए भी बायो सिक्योर्ड बबल में रहना अनिवार्य किया गया है। सभी को इन नियमों का पालन करना जरूरी है। कोरोना के लक्षण या संदिग्ध नजर आते ही उसे तुरंत बायो सिक्योर्ड बबल से अलग करने का प्रावधान है। कोरोना के इलाज के लिए उचित उपकरणों वाले अस्पतालों के साथ टाई-अप किया गया है। संदिग्घ अथवा संक्रमित को वहां भर्ती कराया जाएगा। एक पूरा प्रोसेस बीसीसीआई ने बनाया है।