भारत में क्रिकेट का जुनून कैसा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहाँ हर राज्य में कोई न कोई बड़ा क्रिकेट स्टेडियम आपको मिल जाएगा। कुछ राज्य तो ऐसे भी हैं जहाँ तीन, चार या पांच क्रिकेट स्टेडियम अंतरराष्ट्रीय स्तर के आपको मिल जाएंगे। राज्य संघ और बीसीसीआई का लक्ष्य इन स्टेडियमों में अंतरराष्ट्रीय मैच और आईपीएल मैचों का आयोजन कराना होता है। कई बार ऐसा भी होता है कि किसी स्टेडियम में कई सालों तक मैच नहीं हो पाता। इसका मुख्य कारण ज्यादा संख्या में स्टेडियम का होना है। भारतीय सरजमीं पर काफी स्टेडियम होने के कारण हर राज्य स्टेडियम का नम्बर खेल आयोजन के लिए नहीं आता, ऐसे में कुछ स्टेडियम सालों तक बिना मैच हुए रह जाते हैं।
कुछ पुराने स्टेडियम भी हैं जहाँ काफी सालों से कोई मैच नहीं हुआ और उन राज्यों में अब नए स्टेडियम बनकर उनमें मुकाबले खेले जाते हैं। इस तरह उन स्टेडियमों की सुध लेने वाला भी अब कोई नहीं है। इस तरह के कई मैदान हैं उनेमं जमशेदपुर, ग्वालियर, जोधपुर आदि शहरों के स्टेडियम हैं जहाँ कई सालों से मुकाबले नहीं खेले गए हैं। इनके अलावा कुछ नए स्टेडियम भी हैं जहाँ मुकाबले अब तक नहीं हुए हैं। यहाँ दो ऐसे स्टेडियम का नाम बताया गया है जहाँ भारतीय टीम नहीं खेली है।
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देहरादून स्टेडियम
देहरादून का राजीव गांधी स्टेडियम दो साल पहले ही बनकर तैयार हुआ है। यहाँ 25 हजार दर्शकों के बैठने की सुविधा है और यह उत्तराखंड का पहला वर्ल्ड क्लास क्रिकेट स्टेडियम है। वहां अभी तक भारतीय टीम का कोई मुकाबला नहीं हुआ है। हालांकि अफगानिस्तान को यह घरेलू स्टेडियम के तौर पर दिया गया था जहाँ बांग्लादेश की टीम एक बार दौरा कर चुकी है। इसके अलावा बीसीसीआई की तरफ से अभी तक यहाँ कसी भी तरह का अंतरराष्ट्रीय मैच आयोजित नहीं हुआ है।
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मोटेरा अहमदाबाद
पुराने स्टेडियम की जगह एक नया और शानदार स्टेडियम बनकर अब तैयार है। अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम पर भी एब तक किसी भी तरह का मैच नहीं हुआ है। इसमें एक लाख 14 हजार दर्शक बैठ सकते हैं और यह दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम है। अगले साल फरवरी में जब इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर आएगी, तब इस स्टेडियम में काफी मैच खेले जाएँगे।