2011 विश्वकप के फाइनल में जीतने वाली भारतीय टीम के खिलाड़ी अब कहां हैं

Enter caption

क्रिकेट एक ऐसा खेल है जहां एक समय खिलाड़ी का प्रदर्शन चरम सीमा पर होता है। दूसरी तरफ कुछ ऐसा समय भी आता है जब प्रदर्शन में निरन्तरता की कमी आ जाती है, फिटनेस साथ नहीं देती है, आलोचनाएं होने लगती है। इन सबके बीच खराब प्रदर्शन के लिए खिलाड़ी को या तो टीम से बाहर होना पड़ता है अथवा संन्यास लेकर खुद को खेल से अलग कर लेना होता हभारतीय टीम ने 2011 विश्वकप में उम्दा खेल के जरिये श्रीलंका को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में हराकर पचास ओवर प्रारूप का दूसरा विश्वकप जीता था। इससे पहले 1983 में कपिल देव की कप्तानी में टीम इंडिया ने कप उठाया था।

महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व वाली टीम के सभी 11 खिलाड़ी बेहतरीन थे। फाइनल मुकाबले में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 6 विकेट पर 274 रन बनाए। जवाब में लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इण्डिया ने उनपचासवें ओवर में 4 विकेट पर 277 रन बनाकर मैच के साथ ही विश्वकप पर भी कब्जा कर लिया। भारतीय क्रिकेट के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन था। इस लेख में उन खिलाड़ियों के बारे में जानेंगे कि विश्वकप जीतने के बाद उन्होंने क्या किया और अभी वे कहां हैं।

एस श्रीसंत

Enter caption

विश्वकप 2011 का फाइनल वन-डे श्रीसंत के करियर का आखिरी एकदिवसीय मैच साबित हुआ। 2013 आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद उन्हें आजीवन रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया। इसके बाद उन्हें कोर्ट से क्लीन चिट जरुर मिली लेकिन बीसीसीआई ने भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की नीति के तहत उनका प्रदर्शन जारी रखा। क्रिकेट के बाद श्रीसंत ने केरल विधानसभा चुनाव में 2016 में चुनाव लड़ा। इसके अलावा वे मलयालम और हिंदी फिल्मों में काम करने लगे हैं। हाल ही में उन्हें एक टीवी रियलिटी शॉ में देखा गया था जहां वे दूसरे स्थान पर रहे थे। हाल ही में उन पर लगा बैन हटा दिया गया है।

जहीर खान

जहीर खान वह खिलाड़ी हैं जिन्हें श्रीलंका के खिलाफ 2011 विश्वकप के फाइनल में 2 विकेट मिले थे। 2012 में श्रीलंका के खिलाफ अंतिम अंतरराष्ट्रीय वन-डे मुकाबले खेलने वाले जहीर खान ने 2015 में खेल को अलविदा कहा। आजकल उन्हें टीवी कमेंट्री की दुनिया में देखा जाता है।

हरभजन सिंह

Enter caption

हरभजन सिंह ने 2011 विश्वकप के फाइनल मैच में 1 विकेट हासिल किया था। उसके बाद उन्हें भारतीय टीम के लिए ज्यादा मौके नहीं मिले। अंतिम बार 2015 में उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय वन-डे खेलने का मौका मिला था। हालांकि वे आईपीएल में मुंबई इंडियंस से खेलने के बाद अब चेन्नई सुपरकिंग्स का प्रतिनिधित्व करते हैं। क्रिकेट के किसी भी प्रारूप से भज्जी ने संन्यास नहीं लिया है। वे अंतरराष्ट्रीय मैचों में कमेंट्री करते हुए भी नजर आते हैं।

मुनाफ पटेल

Enter caption

तेज गेंदबाजों में शामिल मुनाफ पटेल का प्रदर्शन 2011 विश्वकप के फाइनल मुकाबले में अच्छा नहीं रहा था। उन्हें कोई विकेट नहीं मिला। अपना अंतिम वन-डे मैच उन्होंने सितम्बर 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। पिछले साल नंबवर में उन्होंने खेल को अलविदा कहा था। दिसम्बर में यूएई में हुए टी10 लीग में भी उन्होंने हिस्सा लिया था।

महेंद्र सिंह धोनी

Enter caption

कैप्टन कूल की वजह से ही टीम इंडिया को फाइनल में जीत मिली। उन्होंने बेहतरीन नाबाद 91 रन बनाए और छक्के से जीत दिलाई। विश्वकप के बाद धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया लेकिन आईपीएल सहित सीमित ओवर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वे अभी अपना जलवा बिखेर रहे हैं।

युवराज सिंह

Enter caption

इस खिलाड़ी ने कैंसर के बाद भी विश्वकप में खेलते हुए फाइनल सहित सभी मुकाबलों में अहम योगदान दिया। युवराज को मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट चुना गया। इसके बाद वे कैंसर का इलाज करवाकर लौटे और युवी कैन फाउंडेशन की स्थापना की, इसमें कैंसर पीड़ितों की मदद की जाती है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से वे संन्यास ले चुके हैं।

सुरेश रैना

Enter caption

रैना भी विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा था। 2018 के इंग्लैंड दौरे पर उन्हें टीम इंडिया का हिस्सा बनाया गया था लेकिन खासी सफलता नहीं मिली। पत्नी के साथ मिलकर रैना एक एनजीओ भी चलाते हैं और आईपीएल सहित तमाम तरह की क्रिकेट का आनंद उठा रहे हैं।

गौतम गंभीर

Enter caption

इस खिलाड़ी की वजह से टीम इंडिया को श्रीलंका के खिलाफ फाइनल में जीत मिली। उन्होंने दो विकेट लगातार गिरने के बाद क्रीज पर टिककर बल्लेबाजी की। महेंद्र सिंह धोनी के साथ उनकी अहम साझेदारी के कारण भारत को जीत मिली। गौतम गंभीर ने पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सहित तमाम तरह के प्रारूप को अलविदा कहा। वे शहीद सैनिकों के कुछ बच्चों की शिक्षा का खर्च और गरीबों के लिए समाज सेवा जैसे कार्य करते हुए देखे जाते हैं। फ़िलहाल वे ईस्ट दिल्ली लोकसभा से बीजेपी सांसद हैं।

विराट कोहली

Enter caption

विराट कोहली भी 2011 विश्वकप के फाइनल की टीम में थे। उन्होंने इसमें 35 रन बनाए थे। इसके बाद उनके खेल का ग्राफ भी बढ़ता गया और जिम्मेदारियां भी ज्यादा आ गई। इस समय वे टीम इंडिया के मुख्य खिलाड़ी हैं और तीनों प्रारूप में कप्तान हैं। आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए भी विराट कोहली कप्तानी करते हैं। विश्व क्रिकेट में उनका एक अलग ही नाम है।

सचिन तेंदुलकर

Enter caption

इनका बल्ला फाइनल में नहीं चला लेकिन अन्य मुकाबलों में प्रदर्शन बेहतरीन रहा था। विश्वकप के बाद वन-डे क्रिकेट भी उन्होंने ज्यादा दिन नहीं खेला। 2012 में ढाका में तेंदुलकर ने पाकिस्तान के खिलाफ अंतिम वन-डे खेला। इसके बाद उन्होंने खेल को अलविदा कहा। टेस्ट क्रिकेट से संन्यास उन्होंने बाद में लिया। संन्यास के बाद वे भारतीय संसद के उच्च सदन यानि राज्यसभा में भी मनोनित हुए, इससे पहले भारत का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान भारत रत्न भी उन्हें मिला। मुंबई इंडियंस के साथ मेंटर के रूप में भी उन्होंने कार्य किया।

वीरेंदर सहवाग

इस खिलाड़ी को आक्रामक खेल के लिए जाना जाता था। विश्वकप 2011 के फाइनल में उनका बल्ला नहीं चला था। अंतिम बार कोलकाता में उन्होंने 2013 में पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच खेला। संन्यास के बाद वे आईपीएल में खेलते रहे। वहां से खेलना छोड़ने के बाद उन्होंने किंग्स इलेवन पंजाब के कोच की जिम्मेदारी सम्भाली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्हें कमेंट्री करते हुए भी देखा जाता है। स्विट्जरलैंड में आइस क्रिकेट भी उन्होंने खेला और यूएई में टी10 क्रिकेट का आनंद भी उठाया। वे सहवाग इंटरनेशनल स्कूल के माध्यम से बच्चों को क्रिकेट भी सिखाते हैं।

Quick Links

Edited by Naveen Sharma
Sportskeeda logo
Close menu
WWE
WWE
NBA
NBA
NFL
NFL
MMA
MMA
Tennis
Tennis
NHL
NHL
Golf
Golf
MLB
MLB
Soccer
Soccer
F1
F1
WNBA
WNBA
More
More
bell-icon Manage notifications