महेंद्र सिंह धोनी
कैप्टन कूल की वजह से ही टीम इंडिया को फाइनल में जीत मिली। उन्होंने बेहतरीन नाबाद 91 रन बनाए और छक्के से जीत दिलाई। विश्वकप के बाद धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया लेकिन आईपीएल सहित सीमित ओवर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वे अभी अपना जलवा बिखेर रहे हैं।
युवराज सिंह
इस खिलाड़ी ने कैंसर के बाद भी विश्वकप में खेलते हुए फाइनल सहित सभी मुकाबलों में अहम योगदान दिया। युवराज को मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट चुना गया। इसके बाद वे कैंसर का इलाज करवाकर लौटे और युवी कैन फाउंडेशन की स्थापना की, इसमें कैंसर पीड़ितों की मदद की जाती है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से वे संन्यास ले चुके हैं।
सुरेश रैना
रैना भी विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा था। 2018 के इंग्लैंड दौरे पर उन्हें टीम इंडिया का हिस्सा बनाया गया था लेकिन खासी सफलता नहीं मिली। पत्नी के साथ मिलकर रैना एक एनजीओ भी चलाते हैं और आईपीएल सहित तमाम तरह की क्रिकेट का आनंद उठा रहे हैं।