सचिन तेंदुलकर
इनका बल्ला फाइनल में नहीं चला लेकिन अन्य मुकाबलों में प्रदर्शन बेहतरीन रहा था। विश्वकप के बाद वन-डे क्रिकेट भी उन्होंने ज्यादा दिन नहीं खेला। 2012 में ढाका में तेंदुलकर ने पाकिस्तान के खिलाफ अंतिम वन-डे खेला। इसके बाद उन्होंने खेल को अलविदा कहा। टेस्ट क्रिकेट से संन्यास उन्होंने बाद में लिया। संन्यास के बाद वे भारतीय संसद के उच्च सदन यानि राज्यसभा में भी मनोनित हुए, इससे पहले भारत का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान भारत रत्न भी उन्हें मिला। मुंबई इंडियंस के साथ मेंटर के रूप में भी उन्होंने कार्य किया।
वीरेंदर सहवाग
इस खिलाड़ी को आक्रामक खेल के लिए जाना जाता था। विश्वकप 2011 के फाइनल में उनका बल्ला नहीं चला था। अंतिम बार कोलकाता में उन्होंने 2013 में पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच खेला। संन्यास के बाद वे आईपीएल में खेलते रहे। वहां से खेलना छोड़ने के बाद उन्होंने किंग्स इलेवन पंजाब के कोच की जिम्मेदारी सम्भाली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्हें कमेंट्री करते हुए भी देखा जाता है। स्विट्जरलैंड में आइस क्रिकेट भी उन्होंने खेला और यूएई में टी10 क्रिकेट का आनंद भी उठाया। वे सहवाग इंटरनेशनल स्कूल के माध्यम से बच्चों को क्रिकेट भी सिखाते हैं।