वनडे हो या टी20 क्रिकेट, सीमित ओवर क्रिकेट का भी अपना एक अलग ही मजा होता है। कई बार खिलाड़ियों को खेलने का मौका नहीं मिलता और ऐसे मौके भी आते हैं जब अंतिम ओवरों में खेलने के लिए मिले मौके को खिलाड़ी भुनाने का भरपूर प्रयास करते हुए मैच पर अलग प्रभाव छोड़ते हैं। अंतिम ओवरों में मिले मौके का फायदा उठाते हुए खिलाड़ी हीरो बन जाते हैं। यही वजह है कि क्रिकेट को महान अनिश्चितताओं का खेल कहा जाता है। क्रिकेट के खेल में कई बार ऐसी चीजें होती है जिनकी उम्मीद किसी को नहीं होती।
भारतीय टीम के अलावा भी कई ऐसी टीमें रही हैं जिनके खिलाड़ी इस खेल में बेहद कम समय के लिए क्रीज पर आकर छा गए। इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और कई अन्य देशों के खिलाड़ी भी ऐसा करने में सफल रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई बार ऐसा देखा गया है कि खिलाड़ी बल्लेबाजी का इन्तजार करता है और अंत में कुछ गेंद के लिए उसे मौका मिलता है और वह उसमें ही सबका ध्यान अपनी तरफ खींच लेता है। ऐसे ही तीन खिलाड़ियों के बारे में यहाँ बताया गया है जिन्होंने मैच में 12 से भी कम गेंद खेली लेकिन मैन ऑफ़ द मैच चुने गए।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 12 गेंद से कम के खेल से चुने मैन ऑफ़ द मैच
मोईन अली
इंग्लैंड के इस ऑल राउंडर ने एक बार दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चमत्कारिक खेल दिखाया था। फरवरी 2020 में मोईन अली ने 11 गेंद पर 39 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 4 छक्के और 3 चौके आए। मोईन अली की इस पारी के कारण टीम को डरबन में जीत मिली और उन्हें मैन ऑफ़ द मैच के खिताब से नवाजा गया।
जोस बटलर
मोईन अली की तरह जोस बटलर ने भी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2012 में एक बार ऐसी पारी खेली थी। दो चौके और दो ही छक्के की मदद से जोस बटलर ने मैच में 10 गेंद खेलकर 32 रन बनाए। इंग्लैंड ने उनकी इस धाकड़ पारी के बाद मैच जीता और उन्हें मैन ऑफ़ द मैच चुन लिया गया। बटलर की आक्रामक पारी को मैच में जीत का आधार माना गया था।
दिनेश कार्तिक
दिनेश कार्तिक की पारी शायद सबको याद होगी। श्रीलंका में 2018 की निदहास ट्रॉफी फाइनल में उन्होंने 8 गेंद पर नाबाद 29 रन बनाए थे। कार्तिक ने अंतिम गेंद पर छक्का जड़कर मैच में बांग्लादेश को हराया। कार्तिक ने अपनी इस छोटी पारी में 3 छक्के और 2 चौके जड़े। बांग्लादेश को फाइनल में जीतने की उम्मीद थी लेकिन कार्तिक ने उन उम्मीदों पर पानी फेर दिया।