भारत और ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) के बीच ब्रिस्बेन में चौथे टेस्ट मैच की शुरुआत हुई। खेल के पहले दिन ऑस्ट्रेलिया ने पांच विकेट के नुकसान पर 274 रन बना लिए हैं। ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उन्होंने महज 17 रन पर ही दो विकेट गंवा दिए। डेविड वॉर्नर 1 और मार्कस हैरिस 5 रन बनाकर आउट हो गए। हालांकि इसके बावजूद कंगारू टीम ने पहले दिन रन बना दिए।
मिडिल ऑर्डर में मार्नस लैबुशेन ने बेहतरीन शतक जड़कर ऑस्ट्रेलियाई पारी को संभाल लिया। 87 रन पर 3 विकेट गंवाने के बावजूद कंगारू टीम ने रन बना लिए और इसकी वजह ये रही कि भारतीय टीम ने कई बड़ी गलतियां की। हम आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि ब्रिस्बेन टेस्ट मैच के पहले दिन भारतीय क्रिकेट टीम ने क्या-क्या गलतियां कीं।
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3 बड़ी गलतियां जो ब्रिस्बेन टेस्ट मैच के पहले दिन भारतीय टीम ने की
1.मार्नस लैबुशेन के दो बड़े कैच ड्रॉप करना
जब से इस दौरे की शुरुआत हुई है तब से भारतीय टीम की सबसे बड़ी समस्या उनकी फील्डिंग रही है। हालांकि ग्राउंड फील्डिंग तो काफी अच्छी हुई है लेकिन कैच काफी ड्रॉप हुए हैं। वनडे हो या टी20 या फिर टेस्ट सीरीज भारतीय टीम ने काफी कैच छोड़े हैं।
ब्रिस्बेन टेस्ट मैच में भी भारतीय टीम ने एक बार फिर वही गलती की। उन्होंने दो बार मार्नस लैबुशेन का कैच टपकाया। जब लैबुशेन 37 रन पर थे तब कप्तान अजिंक्य रहाणे ने गली में उनका एक कैच छोड़ दिया। इसके बाद भारतीय टीम को एक और मौका मिला लेकिन उन्होंने उसे भी गंवा दिया। दूसरी बार मार्नस लैबुशेन जब 48 रन पर थे तब गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर स्लिप में गई लेकिन चेतेश्वर पुजारा उसे कैच में तब्दील नहीं कर पाए और इस तरह से दो जीवनदान लैबुशेन जैसे खिलाड़ी को मिल गए। उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाया और अपने होम ग्राउंड पर बेहतरीन शतक जड़ दिया।
भारतीय टीम को दो कैच ड्रॉप करने की गलती काफी भारी पड़ी। अगर ये कैच पकड़ लिए जाते तो ऑस्ट्रेलिया काफी मुश्किल में हो सकती थी।
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2.कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन में शामिल ना करना
भारतीय टीम ने एक और बड़ी गलती अपने टीम चयन में की। उन्होंने दिग्गज गेंदबाज कुलदीप यादव को शामिल नहीं किया बल्कि बैटिंग की वजह से वॉशिंगटन सुंदर को मौका दिया जिन्होंने अपना टेस्ट डेब्यू किया।
वॉशिंगटन सुंदर ने हालांकि स्टीव स्मिथ जैसे बल्लेबाज का विकेट चटकाया लेकिन अगर कुलदीप यादव होते तो शायद वो ज्यादा प्रभाव डाल सकते थे। इसकी सबसे बड़ी वजह ये थी कि कुलदीप पहले भी ऑस्ट्रेलिया में खेल चुके हैं और यहां पर अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं।
कई दिग्गज कमेंटेटर्स का भी मानना था कि टीम में पहले से मौजूद कुलदीप यादव को मौका मिलना चाहिए था। यहां तक कि शेन वॉर्न ने भी कहा कि अगर कुलदीप यादव इस पिच पर होते तो फिर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को उनके सामने काफी दिक्कतें आती।
3.मिडिल ऑर्डर को खुलकर खेलने का मौका देना
भारतीय टीम ने मिडिल ऑर्डर में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका दिया और उन्होंने काफी रन बनाए। मार्नस लैबुशेन, मैथ्यू वेड और कैमरन ग्रीन ने तेजी से रन बनाए और लगभग हर ओवर में चौके मारे। भारतीय टीम विकेट लेने के बावजूद दबाव नहीं बना पाई।
इस बात का अंदाज आप इससे लगा सकते हैं कि चायकाल के बाद 11.1 ओवर में 5 की औसत से ऑस्ट्रेलिया ने 57 रन बना डाले। भारतीय टीम किसी भी तरह का दबाव नहीं बना पाई। अगर रन नहीं बनते तो शायद ऑस्ट्रेलियाई टीम प्रेशर में आकर और विकेट गंवाती।