Reasons Why Kuldeep Yadav Should Get Chance in Lords Test: टीम इंडिया के जादुई स्पिनर कुलदीप यादव अब भी इंग्लैंड दौरे पर अपना पहला टेस्ट खेलने का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें पहले दो टेस्ट मैचों में प्लेइंग 11 में जगह नहीं मिली। अब लॉर्ड्स में होने वाले तीसरे टेस्ट में भी उनका खेलना थोड़ा मुश्किल नजर आ रहा है, क्योंकि भारत ने एजबेस्टन में दूसरा टेस्ट जीत था और टीम मैनेजमेंट जसप्रीत बुमराह के अलावा प्लेइंग 11 में और कोई बदलाव नहीं करना चाहेगी।
अपने आठ साल लंबे टेस्ट करियर में कुलदीप ने अब तक केवल 13 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से उन्होंने सिर्फ दो ही उपमहाद्वीप से बाहर खेले गए हैं। दिलचस्प बात यह है कि उन दो में से एक टेस्ट उन्होंने लॉर्ड्स के मैदान पर ही खेला है। भले ही उस मैच में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा हो, लेकिन अब वह एक ज्यादा परिपक्व और बेहतर गेंदबाज बन चुके हैं।
इस आर्टिकल में हम 3 तीन कारण के बारे में जानेंगे कि क्यों एजबेस्टन टेस्ट में जीत के बावजूद टीम इंडिया को कुलदीप यादव को लॉर्ड्स टेस्ट में मौका देना चाहिए।
3. इंग्लैंड के बल्लेबाजों के अग्रेसिव अप्रोच के खिलाफ कुलदीप यादव हो सकते हैं घातक सिद्ध
हाल के समय में देखा गया है कि जब भी पिच हरी घास वाली या मुश्किल होती है, तो टीमें आमतौर पर आक्रामक खेल दिखाकर हालात से बाहर निकलने की कोशिश करती हैं। इससे टीम के भी तेजी से रन बनते हैं और विरोधी गेंदबाज दबाव में आ जाते हैं। इस सीरीज के पहले दोनों मैचों में फ्लैट पिचें देखने को मिली और बल्लेबाजों ने जमकर रन कुटे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इंग्लैंड ने लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान मुश्किल पिच की डिमांड की है।
2024 में भारत में हुई सीरीज के दौरान जब इंग्लैंड के बल्लेबाज तेज गेंदबाजों के खिलाफ आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करते दिखे थे, तो स्पिनरों ने ही रन गति पर नियंत्रण किया और नियमित अंतराल पर विकेट भी चटकाए थे। भले ही इंग्लैंड की परिस्थितियां उपमहाद्वीप से काफी अलग हों, लेकिन यह सिद्धांत यहां भी लागू होता है। लॉर्ड्स टेस्ट में भी अगर इंग्लैंड के बल्लेबाज आक्रामक रवैया अपनाते हैं, तो यह कुलदीप यादव के लिए अनुकूल स्थिति होगी।
बाएं हाथ का ये स्पिनर तब और भी खतरनाक साबित होता है, जब बल्लेबाज अग्रेसिव अप्रोच के साथ बल्लेबाजी करते हैं। इससे कुलदीप को विकेट चटकाने की भूख बढ़ती है। इस तरह कुलदीप यादव को लॉर्ड्स टेस्ट में मौका मिलना टीम के लिए अच्छा साबित हो सकता है।
2. भारत को पुरानी गेंद से एक भरोसेमंद गेंदबाजी ऑप्शन की है जरूरत
इस सीरीज में अब तक दोनों टीमों के स्पिनर्स ने कुछ खास कमाल नहीं दिखाया है। इसकी मुख्य वजह ये है कि गेंद जल्दी पुरानी हो जा रही है, जिससे गेंदबाजों के लिए उससे गेंदबाजी करना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में भारत को ऐसे गेंदबाज की जरूरत है, जो पुरानी गेंद से भी उपयोगी गेंदबाजी कर सके। कुलदीप यादव एक ऐसे गेंदबाज हैं, जो पुरानी गेंद से गेंदबाजी करते हुए इंग्लिश बल्लेबाजों को प्रभावित करने का माद्दा रखते हैं। यह चाइनामैन गेंदबाज भारत के लिए लॉर्ड्स टेस्ट में एक्स फैक्टर साबित हो सकता है।
1. भारत को अपनी प्लेइंग 11 का चयन दोनों पारियों को ध्यान में रखते हुए करना होगा
लॉर्ड्स की पिच की जो तस्वीरें अब तक सामने आई हैं, उसमें पिच हरी नजर आई है। WTC के हाल के मैचों में हमने देखा है कि जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ता है, पिच बल्लेबाजी के लिए आसान हो जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए, टीम इंडिया केवल एक जैसी प्लेइंग 11 के साथ मैदान में नहीं उतर सकती और फिर आखिरी पारी में एक आक्रामक विकल्प न होने का पछतावा नहीं कर सकती।
भले ही मैच इंग्लैंड की पहली पारी में शायद कुलदीप ज्यादा प्रभावी साबित नहीं होंगे, लेकिन दूसरी इनिंग में उनका योगदान काफी अहम होगा। वह एक ऐसे गेंदबाज हैं, जो अपना प्रभाव छोड़ने के लिए पिच की कंडीशन पर डिपेंड नहीं रहते।