India vs Australia: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का आखिरी मैच सिडनी में खेला गया था, जिसमें टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 6 विकेट से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने इस सीरीज को 3-1 से अपने नाम कर लिया। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2014-15 में जीती थी। उस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को 2-0 से पटखनी दी थी।
हाल ही में खेली गई इस सीरीज की बात करें, तो पहला मैच भारत ने जीता था। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे टेस्ट को जीतकर जबरदस्त वापसी की। इसके बाद टीम इंडिया को अगले तीन में से दो मैचों में शिकस्त झेलनी पड़ी और एक दशक बाद कंगारू टीम सीरीज पर कब्जा जमाने में सफल रही। आइए जानते हैं उन 3 समानताओं के बारे में जो BGT में भारत की पिछली दो हार के दौरान रहीं।
3. नंबर 3 पर अलग-अलग बल्लेबाजों को खिलाया
भारत के 2014/15 और 2024/25 की सीरीज में हार का सामना करने के पीछे की सबसे बड़ी वजह 3 नंबर पर अलग-अलग बल्लेबाजों को खिलाना रहा। बता दें कि 2002/03, 2018/19 और 2020/21 में भारत की जीत की सबसे बड़ी वजह ये थी कि तीनों सीरीज में उनके पास तीन नंबर पर खेलने के लिए उपयुक्त बल्लेबाज मौजूद था।
2014/15 में हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में चेतेश्वर पुजारा के अलावा केएल राहुल और रोहित शर्मा ने भी तीन नंबर पर बल्लेबाजी की थी। इन तीनों बल्लेबाजों ने इस नंबर पर खेलते हुए 8 पारियों में 273 रन बनाए थे। 2024/25 में खेली गई सीरीज में देवदत्त पडिक्कल, केएल राहुल और शुभमन गिल जैसे बल्लेबाजों ने तीन नंबर पर बल्लेबाजी की और इन्होंने 142 रन बनाए।
2. स्पिनर का नहीं चला जादू
2014/15 की तरह 2024/25 में हुई सीरीज में भी स्पिन गेंदबाजों का जादू देखने को नहीं मिला। भारत की पिछली हार के दौरान कर्ण शर्मा और रविचंद्रन अश्विन ने मिलकर 16 विकेट अपने नाम किए थे। हाल में खेली गई सीरीज में स्पिन गेंदबाजों को पिच से कोई भी मदद नहीं मिली। रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर 48 से अधिक की औसत से 8 विकेट ही ले पाए।
1. विरोधी टीम के निचले कर्म के बल्लेबाजों ने किया परेशान
टेस्ट मैचों में विपक्षी टीम के निचले क्रम को आउट करना भारत के लिए अक्सर एक कमजोरी रही है। 2014/15 और 2024/25 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी इस कमी के चलते टीम इंडिया को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा। मेजबान टीम की 8 से 11 नंबर के बीच में खेलने वाले बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों को काफी परेशान किया।
2014/15 में मिचेल स्टार्क, मिचेल जॉनसन और रयान हैरिस का नंबर 8 और 9 पर बल्लेबाजी करने के बावजूद औसत क्रमश: 52, 44.33 और 40 का रहा था। नाथन लियोन और जोश हेजलवुड ने भी रन बनाए थे। वहीं, इस बार पैट कमिंस के अलावा, स्कॉट बोलैंड और नाथन लियोन ने मौका मिलने पर बखूबी बल्ले के साथ टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई।