पिछले दो आईपीएल सत्रों की तरह इस बार भी ऐसा लगता है कि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का बुरा दौर अभी खत्म नहीं हुया है। आरसीबी ने अब तक इस सीज़न में चार मैच खेले हैं, और सभी में उसे हार का मुँह देखना पड़ा है।
जबकि मुंबई इंडियंस के खिलाफ उनका मुकाबला काँटे का रहा था लेकिन बाकी मैच एकतरफा ही साबित हुए।हैरानी की बात यह है कि आरसीबी की बल्लेबाज़ी इस टीम की सबसे कमज़ोर कड़ी साबित हुई है जबकि कागजों पर यह टीम बल्लेबाज़ी के लिहाज से काफी मजबूत नज़र आती है।
बैंगलोर फ्रैंचाइज़ी के लिए अब प्लेऑफ में पहुँचना आसान नहीं होगा क्यूंकि उन्हें बाकी बचे मैचों में से ज़्यादातर मैच जीतने होंगे। लेकिन कोहली सेना के लिए प्लेऑफ में पहुंचने का रास्ता अभी बंद नहीं हुया है। अगर टीम प्रबंधन आगामी मैचों में कुछ साहसिक फैसले लेता है तो मुमकिन है हम आरसीबी को नॉक-आउट दौर में खेलता देखें।
तो चलिए जानते हैं ऐसे तीन साहसिक फैसलों के बारे में:
#3. शिमरोन हेटमायर और मोइन अली को टीम से बाहर करें
जबकि मोईन अली ने इस सीज़न में अब तक औसत प्रदर्शन ही किया है लेकिन इसे संतोषजनक नहीं कहा जा सकता। कप्तान कोहली उन्हें एक आलराउंडर नहीं बल्कि सिर्फ एक बल्लेबाज़ के रूप में टीम में चुन रहे हैं जो ज़रूरत पड़ने पर गेंदबाज़ी भी कर सकता है।
दूसरी ओर, वेस्टइंडीज के तेज-तर्रार बल्लेबाज़ शिमरोन हेटमायर इस आईपीएल में बिल्कुल भी अपने रंग में नज़र नहीं आये। उन्होंने अभी तक खेले 4 मैचों में एक बार भी दहाई अंक को पार नहीं किया है।
तो ऐसे में हेटमायर और अली को टीम से बाहर रखने से फ्रैंचाइज़ी के पास दूसरे विदेशी खिलाड़ियों को आज़माने का मौका होगा। लेकिन यह भी ज़रूरी नहीं कि हमेशा चार विदेशी खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया ही जाए। चेन्नई सुपकिंग्स इसका एक उदाहरण हैं जिन्होंने दिखाया है कि मैच निर्धारित 4 विदेशी खिलाड़ियों के बिना भी जीते जा सकते हैं।
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#2. दोनों शीर्ष विदेशी तेज़ गेंदबाजों को टीम में चुना जाए
आरसीबी स्क्वाड में इस समय नाथन कुल्टर नाइल और टिम साउदी के रूप में दो दिग्गज विदेशी तेज गेंदबाज हैं और यह दोनों ही गेंदबाज़ आरसीबी के बाकी गेंदबाजों से कहीं अधिक अनुभवी और प्रतिभाशाली हैं।
हैरानी की बात है कि अभी तक इन दोनों ही गेंदबाजों को एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला है। कूल्टर नाइल बेशक अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के कारण पहले कुछ मैचों के लिए उपलब्ध नहीं थे लेकिन साउदी को टीम में ना चुनना समझ के बाहर है। वर्तमान समय में रॉयल चैलेंजर्स की गेंदबाज़ी कमज़ोर दिख रही है और उनके गेंदबाज़ शरुआती ओवरों में विकेट निकालने और डेथ ओवरों में रन रोकने में नाकाम रहे हैं, इसके अलावा कुल्टर-नाइल और साउदी गेंद के साथ बल्ले से भी अपना योगदान दे सकते हैं।
तो अब अगर आरसीबी को प्लेऑफ में पहुँचने की अपनी उम्मीदों को कायम रखना है तो निश्चित रूप से उन्हें इन दो विदेशी पेसरों की सेवाएं लेनी होंगी।
#1. भारतीय खिलाड़ियों पर अधिक भरोसा दिखाएं
आईपीएल की सफलतम टीमों ने बार-बार यह साबित किया है कि लीग में खेला जाने वाला प्रत्येक मैच तभी जीता जाता है जब स्थानीय खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं, चेन्नई सुपरकिंग्स और मुंबई इंडियंस जैसी टीमों की सफलता बहुत हद तक भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर निर्भर करती है।
लेकिन इस फॉर्मूले के उल्ट आरसीबी ने हमेशा विदेशी खिलाड़ियों पर अधिक भरोसा दिखाया है जिसका खामियाज़ा उन्हें भुगतना पड़ा है।
आरसीबी को प्ले-ऑफ में पहुंचने के लिए शिवम दुबे, प्रयास रे बर्मन, वाशिंगटन सुंदर, पवन नेगी और नवदीप सैनी जैसे खिलाड़ियों को नियमित रूप से टीम में शामिल करना होगा। सुंदर आरसीबी के लिए गेंदबाज़ी के साथ-साथ पारी की शुरुआत करने भी उतर सकते हैं। उन्होंने टीएनपीएल में एक सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी उपयोगिता साबित की है।
तो इन सुझावों की रोशनी में आरसीबी की आदर्श प्लेइंग इलेवन कुछ यूँ होनी चाहिए:
वॉशिंगटन सुंदर, पार्थिव पटेल (डब्ल्यूके), विराट कोहली (सी), एबी डीविलियर्स, मार्कस स्टोइनिस, शिवम दूबे, पवन नेगी, नाथन कुल्टर नाइल, टिम साउदी, युजवेंद्र चहल, नवदीप सैनी/मोहम्मद सिराज
लेखक: बिमर्श अधिकारी अनुवादक: आशीष कुमार