क्रिकेट में एक टीम के सामूहिक प्रयास के कारण मैच में जीत मिलती है लेकिन उसमें भी बेस्ट देने वाला खिलाड़ी ख़ास बन जाता है। गेंदबाज और बल्लेबाज के बीच मुकाबले में बराबर मुकाबला होता है और कई बार दोनों के बीच टक्कर के बाद किसी मैच का परिणाम देखने को मिलता है। यही कारण है कि मैच में बेस्ट खेलने वाले एक खिलाड़ी को मैन ऑफ़ द मैच चुना जाता है।
हालांकि, ऐसे उदाहरण हैं जब पूरी टीम को क्रिकेट में मैन-ऑफ-द-मैच पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वास्तव में यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के 142 साल लंबे इतिहास में केवल तीन बार हुआ है। एक बार टेस्ट में और दो बार वनडे में। हालांकि इसके बारे में सुनने वाले लोगों के लिए यह घटना अजीब हो सकती है लेकिन ऐसा हुआ है जब पूरी टीम को मैन ऑफ़ द मैच मिला था।
वेस्टइंडीज-न्यूजीलैंड, 1996
यह एकदिवसीय मुकाबला कम स्कोर वाला रहा था जिसमें न्यूजीलैंड ने 4 रन से विंडीज को हरा दिया। इस मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहली बार पूरी टीम को प्लेयर ऑफ़ द मैच दिया गया। सभी ग्यारह खिलाड़ी अवॉर्ड के लिए चुने गए। क्रैग स्पीयरमैन ने न्यूजीलैंड के लिए बैटिंग में सबसे ज्यादा 41 रन बनाए थे और टीम का कुल स्कोर 158 रन था। गेंदबाजी में जिस भी खिलाड़ी ने गेंद हाथ में थामी, सबको विकेट मिला और विंडीज टीम 154 रन पर आउट हो गई। इसके बाद सभी ग्यारह खिलाड़ी मैन ऑफ़ द मैच चुने गए।
इंग्लैंड-पाकिस्तान, 1996
यह एकदिवसीय मुकाबला सितम्बर में खेला गया था। पहले खेलते हुए इंग्लैंड ने 246 रन बनाए। जवाब में खेलते हुए पाकिस्तान की पारी लड़खड़ाई लेकिन जीत तक पहुँच गई। दो गेंद शेष रहते पाकिस्तान की टीम ने 247 रन बनाकार मैच जीत लिया और टीम के सभी ग्यारह खिलाड़ी मैन ऑफ़ द मैच चुने गए।
दक्षिण अफ्रीका-वेस्टइंडीज, 1999
दक्षिण अफ्रीका की टीम ने इस टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज को 351 रन के बड़े अंतर से हराया था। उस समय यह टेस्ट में सबसे बड़ा अंतर था। पहले खेलते हुए दक्षिण अफ्रीका ने 313 रन बनाए, जवाब में वेस्टइंडीज की टीम 144 रन पर आउट हो गई। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका ने फिर से खेलते हुए 5 विकेट पर 399 रन बनाकर वेस्टइंडीज को 217 रन पर आउट कर मैच जीत लिया। टेस्ट क्रिकेट में पहली बार सभी ग्यारह खिलाड़ी मैन ऑफ़ द मैच चुने गए।