वनडे क्रिकेट की शुरुआत में बल्लेबाजों को टेस्ट क्रिकेट की वजह से धीमा खेलते हुए देखा जाता था। वनडे में सुनील गावस्कर की 36 रन की पारी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इसके बाद धीरे-धीरे इस प्रारूप में विकास हुआ और खिलाड़ी भी खुलकर खेलने लगे। विवियन रिचर्ड्स पूराने जमाने में तूफानी वनडे खिलाड़ी माने जाते थे। भारतीय टीम में भी 80 और 90 के दशक में कुछ तूफानी खिलाड़ी आए लेकिन वीरेंदर सहवाग के आने के बाद गेंदबाजों के मन में एक खौफ पैदा हुआ।
अंतरराष्ट्रीय वनडे क्रिकेट में तेजी समय के साथ और खेल में बदलाव के अलावा प्रारूप में परिवर्तन के बाद आई। टी20 क्रिकेट आने से वनडे क्रिकेट में भी खिलाड़ियों को उसी तरह से खेलने की आदत पड़ी। यही कारण रहा कि वनडे क्रिकेट के अंतिम दस ओवर में काफी तेज रन देखने को मिलते हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के अलावा भी विश्व की तमाम टीमों पर टी20 क्रिकेट का ख़ासा असर पड़ा और तूफानी खिलाड़ियों की खेप आने लगी। कई खिलाड़ी ऐसे होते हैं जिन्हें गेंद को सीमा रेखा से बाहर भेजने में ही मजा आता है। उनके दिल और दिमाग में गेंद की सही जगह बाउंड्री से बाहर ही होती है। इस मानसिकता के कारण गेंदबाजों को भी उनके सामने सोचकर गेंदबाजी करनी पड़ती है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई तूफानी बल्लेबाज हुए हैं लेकिन इस आर्टिकल में तीन सबसे धुआंधार बल्लेबाजों के बारे में जिक्र किया गया है।
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वनडे क्रिकेट के 3 सबसे तूफानी बल्लेबाज
जोस बटलर
इंग्लैंड के इस विकेटकीपर बल्लेबाज को वनडे क्रिकेट में आठ साल से ज्यादा समय हो गया है। उन्होंने इस दौरान 142 मुकाबले खेले हैं। बटलर ने लगभग 120 के स्ट्राइक रेट से 3843 रन बनाए हैं। स्ट्राइक रेट से पता चलता है कि क्रीज पर आने के बाद वे गेंद को कहाँ पहुँचाने के बारे में सोचते होंगे। सबसे तेज बल्लेबाजों में उनका तीसरा स्थान है। जोस बटलर पर टी20 क्रिकेट का प्रभाव ज्यादा है। विभिन्न देशों की टी20 लीग में वे खेलते हैं। आईपीएल में जोस बटलर राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलते हैं।