क्रिकेट को शुरुआत में एक धीमा खेल माना जाता था। टेस्ट क्रिकेट के दिनों की सीमा नहीं थी। उसके बाद कुछ बदलाव अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में देखने को मिले। समय के साथ क्रिकेट में भी बदलाव आता गया। टेस्ट क्रिकेट के बाद वनडे क्रिकेट आया और फिर टी20 प्रारूप भी बेहद कम समय में ही ख़ासा लोकप्रिय हो गया। टेस्ट क्रिकेट को धीमा जरुर माना जाता था लेकिन इसमें भी कई खिलाड़ी ऐसे थे जिन्हें प्रारूप से मतलब नहीं होता था। उनके बल्ले हर प्रारूप में एक ही तरह का प्रहार किया करते थे।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुछ खिलाड़ी ऐसे देखे गए हैं जिन्हें प्रारूप से कोई सरोकार नहीं रहा। उनके खेलनेका अपना ही अंदाज होता था और गेंदबाजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। इन बल्लेबाजों की अपनी शैली होती थी और निर्भीक होकर खेलने का अंदाज होता था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसे तूफानी खिलाड़ी काफी देखे गए हैं। तेज गेंदबाज हो या स्पिनर हो, इन बल्लेबाजों के ऊपर इसका कोई असर नहीं होता था। टेस्ट क्रिकेट हो या सीमित ओवर प्रारूप हो, इनका बल्ला उसी अंदाज में चलता रहता था। शायद यही कारण है कि दर्शकों ने भी इन बल्लेबाजों को ख़ासा प्यार और सम्मान दिया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के ऐसे ही तीन बल्लेबाजों का जिक्र यहाँ किया गया है जो किसी भी गेंदबाज से नहीं डरते थे और ताबड़तोड़ खेलते थे।
क्रिकेट के 3 वो बल्लेबाज जो बिना डरे खेलते थे
विवियन रिचर्ड्स
वेस्टइंडीज के उस जमाने के खिलाड़ी रिचर्ड्स ने गेंदबाजों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। टेस्ट क्रिकेट में जहाँ बल्लेबाज डिफेन्स पर ज्यादा ध्यान देते थे, उस समय रिचर्ड्स तूफानी बल्लेबाजी करते थे। उन्हें गेंदबाज या अन्य किसी चीज से फर्क नहीं पड़ता था। वे बल्ला चलाने में विश्वास रखते थे। उन्होंने टेस्ट में 8540 और वनडे में 6721 रन बनाए।
क्रिस गेल
इस तूफानी खिलाड़ी ने क्रिकेट के हर प्रारूप में धमाका किया है। गेल ने टी20 क्रिकेट में जैसा तूफान मचाया वैसे ही वनडे और टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने किया। टी20 में उन्होंने आरसीबी के लिए आईपीएल में नाबाद 175 रन बनाए जो आज भी सब याद करते हैं। टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम तिहरा शतक भी है। ज्यादातर मौकों पर क्रिस गेल खड़े होकर छक्के जड़ने में विश्वास रखते थे। गेल तेज गेंदबाज और स्पिनर दोनों को एक ही तरह से मारते थे। उनके लिए दोनों प्रकार के गेंदबाजों की धुनाई परम लक्ष्य होता था।
वीरेंदर सहवाग
भारत के इस खिलाड़ी ने विश्व के दिग्गज तेज गेंदबाजों और शानदार स्पिनरों को बड़ी सहजता से खेला और धुनाई की। उन्होंने बिना डरे हर प्रारूप में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की। सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में दो बार तिहरा शतक जड़ा। इसके अलावा वनडे में भी उनके नाम दोहरा शतक दर्ज है। पिच और मौसम की परिस्थिति से उन्हें फर्क नहीं पड़ता था। वे अपनी बल्लेबाजी के दौरान विश्व के हर कोने में आक्रामक ही रहते थे।