राहुल द्रविड़ को दुनिया के सबसे बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाज़ के रूप में जाना जाता हैं। "द वॉल" नाम से मशहूर द्रविड़ के नाम 164 टेस्ट मैचों में कई रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने 52.31 की औसत से टेस्ट में 36 शतक लगाए है और वो उन कुछ खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने वनडे और टेस्ट दोनों फॉर्मेट में 10,000 से ऊपर रन बनाए हैं।
राहुल द्रविड़ को 2004 में ICC के पहले सालाना अवॉर्ड्स सेरेमनी में प्लेयर ऑफ द ईयर और टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर का पुरस्कार मिला। हालांकि द्रविड़ को सिर्फ मैदान में रन बनाने के लिए ही नहीं जाना जाता, बल्कि कर्नाटक के इस खिलाड़ी को उनके अच्छे स्वभाव के लिए भी जाना जाता है।
यह भी पढ़ें: राहुल द्रविड़ की 4 ऐसी बेहतरीन पारियां जिन्हें ज्यादा महत्व नहीं मिला
इस लिस्ट में हम नज़र डालेंगे, 3 ऐसे मौकों पर जब यह बात साबित हुई की राहुल द्रविड़ आने वाले युग के लिए कितने बड़े प्रेरणास्रोत है।
#) संन्यास के बाद चाइल्डहुड क्लब के लिए खेले
राहुल द्रविड़ ने रिटायर होने के बाद भी अपने प्यार क्रिकेट को नहीं छोड़ा। उनके चाइल्डहुड क्लब को बचाने के लिए उनकी टीम को जीत की सख्त जरूरत थी, तभी टीम के हैड कोच ने उनसे खेलने के लिए कहा। उन्होंने न सिर्फ खेलने का फ़ैसला किया और टीम के लिए अपनी पूरी जान भी लगा दी।
द्रविड़ ने उस मैच में शतक लगाया और अपनी टीम को HAL स्पोर्ट्स ग्राउंड में टीम को जीत दिलाई। यह दिखाता है कि क्रिकेट उनकी जिंदगी में क्या महत्व रखता है। द्रविड़ 12 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहे है और उन्होंने कर्नाटक के लिए अंडर 15, अंडर 17 और अंडर 19 टीम के लिए क्रिकेट खेला। साल 1991 में जब उन्होंने अपना पहला रणजी मैच खेला, उस समय वो एक कॉलेज स्टूडेंट थे।
यह भी पढ़ें: राहुल द्रविड़ द्वारा सभी फॉर्मेट में खेले गए आखिरी मैच में किए गए प्रदर्शन पर एक नजर
#)केविन पीटरसन को एक पत्र
राहुल द्रविड़ जिन्हें "जिमी" के नाम से भी जाना जाता था, उन्होंने सबको अपनी महानता तब दिखाई, जब उन्होंने इंग्लैंड के स्टार बल्लेबाज़ केविन पीटरसन को एक पत्र लिखा और बताया कि स्पिन गेंदबाजी को कैसा खेलना है। यह उस समय की बात है जब इंग्लैंड की टीम बांग्लादेश के दौरे पर गई हुई थी और पीटरसन वहाँ पर स्पिनर्स के खिलाफ काफी स्ट्रगल कर रहे थे।
पीटरसन ने इंग्लैंड के लिए 104 टेस्ट में 47.18 की औसत से 8181 रन बनाए। 2005 में जब इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को एशेज़ में हराया थ , उसमें पीटरसन ने काफी अहम भूमिका निभाई थी।
#)कैंसर पीड़ित फैन की ख्वाइश पूरी की
राहुल द्रविड़ हमेशा ही मुश्किल समय में इंडियन क्रिकेट टीम के लिए खड़े रहे है। मैदान के बाहर भी उनका रवैया बिल्कुल वैसा ही है। एक बार उनका एक फैन, जोकि कैंसर से पीड़ित था, वो उनसे मिलना चाहता था और द्रविड़ ने उन्हें बिल्कुल भी निराश नहीं किया।
पूर्व भारतीय कप्तान ने अपने फैन के साथ स्काइप के जरिए करीब एक घंटे तक बात की और उनसे न मिल पाने के कारण द्रविड़ ने माफी भी मांगी। अगर कोई ज़िंदादिली की मिसाल है, तो निश्चित ही वो राहुल द्रविड़ ही हैं। राहुल अपने मेल लगातार चेक करते रहते हैं और वहीं उन्हें अपने फैन का भी मेल मिला, जिसके बाद द्रविड़ ने अपने फैन की ख्वाहिश पूरी करने का फ़ैसला किया।