घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाला हर युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में एक मौके की तलाश में रहता है जिसके सहारे वह खुद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साबित कर पाए। ऐसे में मेहनत के साथ साथ क़िस्मत का भी बराबर साथ होना चाहिए। कई ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिनके घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन आंकड़े होने के बावजूद उन्हें कभी राष्ट्रीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिला या फिर मौके पर खरा नहीं उतर पाए।
भारतीय टीम में कई ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिन्हे दूसरे खिलाड़ियों के बैकअप ऑप्शन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा। कोई बड़ा खिलाड़ी जो लगातार टीम में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है उसके चोटिल होने पर उसके बैकअप के लिए बहुत सारे युवा खिलाड़ी मौजूद रहते हैं। जब चोटिल खिलाड़ी वापसी करता है तो उसकी जगह खिलाये गए खिलाड़ी को वापस बैठा दिया जाता है। बहुत कम ऐसा होता है कि बैकअप के तौर पर इस्तेमाल किये जाने वाला खिलाड़ी आगे चलकर लम्बे समय तक टीम के प्रमुख खिलाड़ी के तौर पर नज़र आये।
आज हम ऐसे ही 3 भारतीय भाग्यशाली खिलाड़ियों के बारे में जानेंगे जो किसी दूसरे खिलाड़ी के चोटिल होने पर उसकी जगह शामिल किये गए और आगे चलकर भारतीय टीम का अहम हिस्सा हो गए।
इन 3 खिलाड़ियों के लिए दूसरे की चोट एक बेहतरीन मौका साबित हुई
#3 चेतेश्वर पुजारा
चेतेश्वर पुजारा भारत के भरोसेमंद टेस्ट खिलाड़ी माने जाते हैं। 6000 से भी ज़्यादा टेस्ट रन बनाने वाले पुजारा को भारतीय टीम में मौका 2010 की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में मिला था, जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बल्लेबाजी के दौरान दिग्गज बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण चोटिल हो गए थे।
अपने डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में मात्र चार रन बनाने वाले पुजारा ने दूसरी पारी में 72 बनाये और टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। किस्मत के सहारे भारतीय टीम में प्रवेश करने के बाद पुजारा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज 100 टेस्ट खेलने से मात्र 4 मैच दूर हैं।
हालाँकि, वनडे में पुजारा खुद की जगह पक्की नहीं कर पाए। उनके नाम पांच पारियों में 10.20 की औसत से 51 रन दर्ज हैं। वहीं भारत के लिए टी20 में उन्हें अभी तक एक बार भी मौका नहीं मिला है।
#2 विराट कोहली
2008 के श्रीलंका दौरे पर विराट कोहली एक बैकअप के तौर पर शामिल थे। ऐसे में कोहली के पहले मैच में खेलने की सम्भावना नहीं थी। हालाँकि उस समय के दिग्गज ओपनर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को नेट्स में प्रैक्टिस सेशन के दौरान चोट लगी और वह पूरी सीरीज से बाहर हो गए।
इसके बाद कोहली को पहले मैच में ही डेब्यू का मौका मिला। श्रीलंका के खिलाफ उन पांच वनडे मैचों में विराट ने एक फिफ्टी की मदद से 159 रन बनाये थे।
क़िस्मत के सहारे टीम में खेलने का मौका पाने वाले विराट कोहली आज दुनिया के महान बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। 23000 से भी ज़्यादा रन बनाकर कोहली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में सातवें स्थान पर हैं।
#1 राहुल द्रविड़
1996 के इंग्लैंड दौरे के दूसरे टेस्ट मैच में संजय मांजरेकर की एड़ी में चोट के कारण दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ के करियर का आगाज़ हुआ। अपने डेब्यू मैच की पहली पारी में उन्होंने 95 रनों की पारी खेली थी। उस सीरीज की तीन पारियों में द्रविड़ ने 187 रन बनाये। यह खिलाड़ी भारतीय टीम के प्रमुख बल्लेबाज के तौर पर अगले 16 साल तक क्रिकेट खेला और कई कीर्तिमान बनाये। 24000 से भी ज़्यादा अंतरराष्ट्रीय रन बनाने वाले द्रविड़ की शुरुआत क़िस्मत के सहारे हुई और उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।