#) अजिंक्य रहाणे
भारतीय कप्तान विराट कोहली से जब रन नहीं बन रहे थे, तो सभी को उम्मीद थी कि टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे आगे आकर टीम को संभालते हुए अच्छा प्रदर्शन करेंगे। हालांकि इतना अनुभव होने के बाद भी रहाणे ने काफी निराश किया है। रहाणे को हमेशा इसलिए भी तरजीह दी जाती है, क्योंकि विदेशों में उनका रिकॉर्ड काफी अच्छा है। गौर करने वाली बात यह है कि उन्होंने 2013-14 में किए गए विदेशी दौरों में अच्छा किया और उसके बाद से घर के बाहर हमेशा ही उनसे ज्यादा उम्मीद लगाए जाने लगी। यह उनका न्यूजीलैंड का दूसरा दौरा है, तो निश्चित ही उनसे उम्मीद भी ज्यादा थी।
रहाणे ने 4 पारियों में 91 रन बनाए। इस बीच उनके खेलने का तरीका सवालों के घेरा में रहा, क्योंकि उनके खेल में इंटेंट की कमी देखने को मिली। इस बात का जिक्र खुद विराट कोहली ने बिना नाम लिए पहले टेस्ट के बाद किया था। हैरानी तो दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में रहाणे की बल्लेबाजी को देखकर हुई। न्यूजीलैंड ने उनके खिलाफ शॉर्ट गेंदों से अटैक करने का प्लान बनाया और इसके बाद रहाणे ने जिस तरह से बल्लेबाजी की, शायद यह उनके करियर की सबसे बेकार पारियों में से एक थी। अंत में रहाणे ने बेहद खराब शॉट खेलते हुए अपना विकेट गंवा दिया और टीम को संकट में ही छोड़ गए।
अजिंक्य रहाणे को काफी मौके दिए जा चुके हैं, लेकिन उनका प्रदर्शन जिस तरह का रहा उसे देखते हुए अब उन्हें बाहर करके किसी युवा खिलाड़ी को मौका दिए जाने की जरूरत है।