क्रिकेट के खेल के साथ दो चीजें जुड़ी होती हैं। एक इसे भद्र पुरुषों का खेल कहा जाता है और दूसरा इसे महान अनिश्चिताओं का खेल भी कहा जाता है। इस साल कोरोना वायरस के कारण किसी भी तरह का क्रिकेट ज्यादा नहीं हुआ। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट बाद में शुरू हुआ लेकिन घरेलू क्रिकेट लगभग हर देश में नहीं हुआ। हालांकि बाद में कुछ टी20 लीग से रेवेन्यू जेनरेट करने के प्रयास किये गए लेकिन क्रिकेट के लिहाज से यह साल खराब ही रहा। न क्रिकेट इसमें हुआ और न ही लोगों का जीवन खुशहाल रहा।
हालांकि जितना भी खेल हुआ इसमें कुछ-कुछ नोकझोंक और विवाद भी हुए। छोटे-मोटे विवाद होते रहे हैं और होते रहते हैं लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता। इस साल क्रिकेट में कुछ ऐसी घटनाएं भी देखने को मिली। सभी विवादों का जिक्र नहीं करते हुए इस साल के तीन अहम और प्रमुख विवादों को इस आर्टिकल में जगह देने का प्रयास किया गया है।
क्रिकेट में इस साल के प्रमुख विवाद
शाहिद अफरीदी का झगड़ा
शाहिद अफरीदी मैदान पर हमेशा से आक्रामक माने जाते रहे हैं। लंका प्रीमियर लीग टी20 टूर्नामेंट में उनका और अफगानिस्तान के नवीन उल हक का झगड़ा हुआ। अफरीदी ने इस युवा खिलाड़ी को यह समझाया कि गाली-गलौच के साथ मैदान पर बर्ताव न करें। अफरीदी ने कहा कि युवा खिलाड़ियों से यही कहना चाहूँगा कि खेल को अपने तरीके से खेलें लेकिन गाली-गलौच न दें।
मुशफिकुर रहीम का थप्पड़ काण्ड
बांग्लादेश के बंगबंधु टी20 टूर्नामेंट में मुशफिकुर रहीम अपनी ही टीम के खिलाड़ी को थप्पड़ मारने के लिए दौड़े। बाद में उनकी चारों तरफ खासी आलोचना हुई तब गलती का अहसास हुआ। उन्होंने माफ़ी मांगी। साथी खिलाड़ी नासुम अहमद को कैच लेने के मामले में उन्होंने थप्पड़ जड़ने का प्रयास किया। एक बार नहीं बल्कि दो बार अलग-अलग मामलों में उन्होंने इस खिलाड़ी को मारने का प्रयास किया। दोनों वीडियो ट्विटर पर वायरस हुए।
सुरेश रैना का आईपीएल छोड़ना
सुरेश रैना चेन्नई सुपरकिंग्स से खेलने के लिए यूएई गए थे लेकिन टूर्नामेंट छोड़कर वापस भारत लौट आए। खबरें सामने आई कि उन्होंने अपने कमरे को लेकर असंतुष्टि जताई। हालांकि रैना ने इसकी पुष्टि नहीं की। बाद में चेन्नई सुपरकिंग्स ने कहा कि यह रैना का निर्णय है और हम उन्हें वापस बुलाने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। रैना किस बात से नाराज होकर वापस लौटे, इसका खुलासा नहीं हुआ है।