क्रिकेट की दुनिया में महेंद्र सिंह धोनी वो नाम है जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है। धोनी ने भारत के लिए 15 साल से अधिक समय तक क्रिकेट खेला है। वह एक समय आईसीसी रैंकिंग में कई सालों तक वनडे क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज भी रहे हैं। इतने सालों तक क्रिकेट खेलने के बावजूद धोनी की वनडे में बल्लेबाजी औसत 50 से ऊपर की है।
धोनी को विश्व क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर के रूप में जाना जाता है। धोनी ने लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम की जीत में 100 से अधिक की औसत से रन बनाए हैं। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एकमात्र ऐसे कप्तान हैं जिनके नाम आईसीसी की तीनों ट्राफी हैं। धोनी ने अपनी अगुवाई में भारत को 2007 का T20 वर्ल्ड कप 2011 का 50 ओवरों का वर्ल्ड कप और 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी दिलाई है।
हालांकि धोनी अभी टीम से बाहर चल रहे हैं। उन्होंने 2019 वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच के बाद से कोई मैच नहीं खेला है। ऐसे में कई सारे एक्स्पर्ट और प्रशंसक यह कयास लगा रहे हैं कि शायद धोनी ने भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेल लिया है। धोनी हमेशा भारत को कठिन परिस्थितियों से निकालने के लिए याद किए जाएंगे।
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आइए एक नजर डालते हैं धोनी की 3 यादगार वनडे पारियों पर :
#1. 148 बनाम पाकिस्तान, 2005
महेंद्र सिंह धोनी के लिए करियर के शुरूआती कुछ मैच काफी खराब रहे। उन्होंने अपने पहले मैच में खाता भी नहीं खोला और अगली 3 पारियों में मात्र 19 रन बना सके। हालांकि पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू सीरीज में उन्होंने खुद को स्थापित कर लिया। विशाखापट्टनम में खेले गए इस मैच में भारत ने सचिन तेंदुलकर का विकेट जल्दी गंवा दिया था।
इसके बाद बल्लेबाजी करने आए एमएस धोनी ने पाकिस्तानी गेंदबाजों की धुनाई करते हुए 123 गेंदों पर 148 रन बनाये और अपना पहला वनडे शतक बनाया। धोनी की इस पारी के दम पर भारत ने 356 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। जवाब में पाकिस्तानी टीम 298 रन पर सिमट गई और उसे 58 रन से हार का सामना करना पड़ा।
#2. 183* बनाम श्रीलंका, 2005
जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में खेले गए इस मैच में धोनी ने अपने करियर का सबसे बड़ा स्कोर बनाया था। पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने कुमार संगकारा के शतक की बदौलत 298 रन बनाए थे। जवाब में धोनी की 145 गेंदों में 183 रन की नाबाद पारी की बदौलत भारत ने यह मैच आसानी से जीत लिया। धोनी ने अपनी पारी में 15 चौके और 10 छक्के जड़े थे। यह किसी विकेटकीपर द्वारा वनडे में अब तक का सर्वश्रेष्ठ स्कोर है।
#3. 91* बनाम श्रीलंका, 2011
2011 विश्व कप फाइनल में 274 रनों का पीछा करते हुए एक समय तक भारतीय टीम विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर और वीरेंदर सहवाग का विकेट 114 रन तक गंवा चुकी थी। यहां से धोनी ने खुद को बैटिंग क्रम में ऊपर लाते हुए मोर्चा संभाला। धोनी ने लगातार स्ट्राइक रोटेट करते हुए गंभीर का अच्छा साथ दिया। गंभीर के आउट हो जाने के बाद उन्होंने तेजी से बैटिंग करते हुए टीम को जीत दिलाई। धोनी और गंभीर की बदौलत भारत ने 28 साल बाद विश्व कप जीता था। धोनी ने नाबाद 91 रन की नाबाद पारी खेली थी और यह पारी सभी के लिए यादगार बन गयी।