अपने 24 सालों के क्रिकेट करियर में जिस तरह सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट जगत पर राज किया वह कोई और नहीं कर सकता। ' लिटिल मास्टर ' ने वनडे क्रिकेट में लगभग हर बल्लेबाजी रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। उनके नाम सबसे अधिक रन (18426), सबसे अधिक शतक (49), सबसे ज्यादा अर्द्धशतक (96) और सबसे अधिक मैन ऑफ द मैच पुरस्कार (62) जैसे बेहतरीन रिकॉर्ड्स हैं।
इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि तेंदुलकर अपने करियर के एक बड़े हिस्से में टीम के अकेले भरोसेमंद खिलाड़ी रहे। उन्होंने न केवल पूरी टीम बल्कि एक अरब से अधिक भारतीयों की उम्मीदों का बोझ अपने कंधों पर ढोया। सचिन तेंदुलकर ने अकेले दम पर टीम को एकदिवसीय क्रिकट में कई सारी जीत दिलाई है। हालांकि कुछ अवसर ऐसे भी रहे जब बल्ले के साथ तेंदुलकर की जादूगरी भी भारतीय टीम को फिनिश लाइन नहीं पार करा पाई।
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आइए नजर डालते हैं कि सचिन तेंदुलकर द्वारा खेली गई 3 बेहतरीन पारियों पर जो टीम को जीत नहीं दिला पाईं:
#3 141 बनाम पाकिस्तान, 2004
भारत ने 2004 में रावलपिंडी में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान का सामना किया। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी की और 329 रन बनाए। पाकिस्तान की तरफ से यासिर हमीद और शाहिद अफरीदी के बीच 138 रन की शानदार ओपनिंग साझेदारी हुई और अब्दुल रज्जाक ने आखिर में एक तेजतर्रार पारी खेली।
जवाब में तेंदुलकर ने भारत के लिए अकेले पाकिस्तानी गेंदबाजी से लोहा लिया। सचिन ने 141 रन बनाए जिसमें 17 चौके और एक छक्का शामिल रहा। लेकिन वह 264 के टीम स्कोर पर आउट हो गए और भारत की पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। भारतीय टीम 317 रन ही बना सकी और उसे 12 रन से हार का सामना करना पड़ा।
तेंदुलकर की पारी की अहमियत का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके बाद टीम के लिए दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले राहुल द्रविड़ रहे, जिन्होंने 36 रन बनाए थे। भले ही भारत मैच हार गया था लेकिन सचिन की पारी ने करोड़ों प्रशंसकों का दिल जीत लिया था।
#2 143 बनाम ऑस्ट्रेलिया, 1998
ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी की और माइकल बेवन के शानदार शतक की मदद से 284 रन का स्कोर खड़ा किया। जवाब में तेंदुलकर ने शेन वॉर्न और डेमियन फ्लेमिंग जैसे गेंदबाजों की मैदान के चारों ओर धुनाई करते हुए 143 रन बनाएं।
हालांकि, दूसरा कोई बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण का सामना नहीं कर सका और भारत यह मैच 26 रन से हार गया। लेकिन इस पारी की बदौलत भारत कोका-कोला कप के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में सफल रहा। इस पारी को ' डेजर्ट स्टॉर्म ' के रूप में याद किया जाता है।
#1 175 बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2009
ऑस्ट्रेलिया ने पहले खेलते हुए शॉन मार्श के 112 रन की बदौलत 350 रन बनाए। जवाब में तेंदुलकर ने किसी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज को नहीं बख्शा और 175 रन बनाते हुए टीम को लक्ष्य के बेहद नजदीक ले गए लेकिन फिर, भारत को जीत के लिए सिर्फ 19 रन की जरूरत थी तेंदुलकर पैडल शॉट लगाने के चक्कर मे आउट हो गए। तेंदुलकर के आउट होने के बाद टीम की उम्मीदें भी खत्म हो गई और भारत 3 रन से मैच हार गया।