भारतीय टीम (Indian Team) में खेलने का सपना कई खिलाड़ियों का होता है लेकिन हर किसी का सपना पूरा नहीं होता है। कई बार ऐसा देखने को मिला है जब किसी खिलाड़ी के धाकड़ घरेलू प्रदर्शन के बाद टीम में जगह मिली और बाद में खराब खेल के बाद उन्हें बाहर किया गया। फिर वे टीम में दिखे नहीं। नए खिलाड़ियों पर भरोसा कर उन्हें तराशने का काम सौरव गांगुली ने अपनी कप्तानी में किया और कई नए लोगों को मौका दिया। बाद में महेंद्र सिंह धोनी ने भी ऐसा ही किया।
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में डेब्यू करने वाले खिलाड़ियों को जल्दी टीम से बाहर होते नहीं देखा गया और इसके पीछे एक कारण यह भी था कि माही को अपने खिलाड़ियों पर भरोसा रहता था। वे उनका सपोर्ट भी करते थे। यही कारण है कि कई खिलाड़ी आगे चलकर टीम के लिए बेहतर साबित हुए। कई बार ऐसा होता है कि जब नए खिलाड़ी को मौका मिलता है, तो उसे पूरी तरह से परिवक्व होने में समय लगता है और धोनी की कप्तानी में ऐसा कई खिलाड़ियों के साथ हुआ। वे बाद में आगे चलकर विराट कोहली की कप्तानी में धाकड़ खेल दिखाने में सफल रहे थे। ऐसे ही कुछ नामों का जिक्र इस आर्टिकल में किया गया है।
हार्दिक पांड्या
सब जानते हैं कि हार्दिक पांड्या मुंबई इंडियंस के लिए आईपीएल में खेलने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आए थे और महेंद्र सिंह धोनी उस समय कप्तान थे। शुरुआत में पांड्या बल्लेबाजी और गेंदबाजी में उतने कामयाब नहीं थे लेकिन धोनी के संन्यास के बाद तो मानो उनके सफर में पंख लग गए हों। विराट कोहली के आने के बाद उनके प्रदर्शन में सुधार के कारण टेस्ट टीम में भी जगह मिल गई। धीरे-धीरे पांड्या भारतीय टीम के एक अहम सदस्य बन गए और सब उनके धाकड़ खेल के कारण ही संभव हुआ।
मोहम्मद शमी
इस गेंदबाज ने 2013 में धोनी की कप्तानी में करियर शुरू किया। पाकिस्तान की टीम के खिलाफ उस समय वनडे में उनकी वह गेंदबाजी कोई नहीं भूल सकता जब भारत ने इंग्लैंड को दिल्ली में कम स्कोर के बाद मैच में हराया था। धोनी के जाने के बाद शमी की गेंदबाजी में लाइन और लेंथ के अलावा तेजी देखने को मिली है और वह टीम इंडिया के मुख्य गेंदबाजों में से एक बन गए।
रविन्द्र जडेजा
सब जानते हैं कि रविन्द्र जडेजा को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अब जल्दी ही एक दशक हो जाएगा। ऐसे में कहा जा सकता है कि पिछले चार सालों में उनके प्रदर्शन में हर प्रारूप में निखार देखने को मिला है। 2012 में धोनी की कप्तानी में आने के बाद 2017 से जडेजा के खेल में बड़ा परिवर्तन आया है। अब हर प्रारूप में गेंद के अलावा बल्ले से भी उनके ऊपर भरोसा किया जा सकता है।