3 प्रमुख कारण जिनकी वजह से भारतीय टेस्ट टीम को हार्दिक पांड्या की ऑलराउंडर के रूप में सख्त जरूरत है 

हार्दिक पांड्या
हार्दिक पांड्या

भारतीय टीम के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने जब से चोट के बाद वापसी की है तब से वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में बहुत ही कम मौकों पर गेंदबाजी करते हुए नजर आए हैं। इसी कारण से वह काफी समय से टेस्ट टीम से बाहर चल रहे हैं। विराट कोहली ने पहले ही यह साफ कर दिया है कि हार्दिक पांड्या को अगर फिर से इस टेस्ट टीम का हिस्सा बनना है तो इसके लिए उन्हें दोबारा से गेंदबाजी करनी शुरू होगी अन्यथा उनका टीम में चयन नहीं होगा। घरेलू टेस्ट मैचों में तो भारत अपने स्पिन गेंदबाजों के दम पर मैच निकाल ले रहा है लेकिन विदेशों में टीम को एक फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर की कमी साफ तौर पर खल रही है।

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कुछ दिनों पहले हार्दिक पांड्या ने भी साफ तौर पर कहा है कि वह टी20 विश्वकप में पूरी तरह से फिट होकर गेंदबाजी करना चाहते हैं इसीलिए उससे पहले वह किसी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं। हार्दिक का गेंदबाजी ना करना विदेशों में टीम इंडिया के लिए काफी चिंता का विषय है लेकिन टेस्ट मैचों में भारत के पास हार्दिक का कोई भी विकल्प नहीं है। ऐसे में हम इस आर्टिकल में उन 3 कारणों का जिक्र करने जा रहे हैं, जिसकी वजह से भारतीय टेस्ट टीम को हार्दिक पांड्या की ऑलराउंडर के रूप में सख्त जरूरत है।

3 प्रमुख कारण जिनकी वजह से भारतीय टेस्ट टीम को हार्दिक पांड्या की ऑलराउंडर के रूप में सख्त जरूरत है

#3 भारतीय टीम के पास विकल्पों की कमी

शार्दुल ठाकुर
शार्दुल ठाकुर

भारत में फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर का मिलना बहुत ही मुश्किल काम है। इस काम के लिए भारत ने काफी प्रयास किए लेकिन अभी तक उनको हार्दिक के अलावा और कोई विकल्प नहीं मिला है। भारत ने विजय शंकर, शिवम दुबे और स्टुअर्ट बिन्नी जैसे कई ऑलराउंडर खिलाड़ियों को आजमाया लेकिन यह सभी खिलाड़ी टीम में अपनी जगह बरकरार रखने में नाकामयाब रहे। मौजूदा समय में भारत के पास शार्दुल ठाकुर हैं जो गेंदबाजी के साथ-साथ निचले क्रम में बल्लेबाजी करने की काबिलियत रखते हैं लेकिन उन्होंने यह काम नियमित तौर पर नहीं किया है। ऐसे में उनके ऊपर पूरी तरह से निर्भर नहीं हुआ जा सकता।

#2 सीमिंग ट्रैक पर अश्विन या जडेजा में से किसी एक को खिलाने का विकल्प

रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा
रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में सीमिंग ट्रैक होने के बावजूद भारत ने अपने दोनों स्पिनर खिलाये और इसका खामियाजा उन्हें मुकाबले में भुगतना पड़ा। विदेशों में ये दोनों गेंदबाज एक साथ कारगर नहीं हुए हैं और भारत को इनमें से किसी एक को खिलाना चाहिए और ऐसा तभी संभव होगा, जब टीम में हार्दिक पांड्या की ऑलराउंडर के रूप में वापसी होगी। हार्दिक के आने से गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी में भी मजबूती मिलेगी।

#3 हार्दिक का टेस्ट प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन

हार्दिक ने टेस्ट में कई बार अपनी ऑलराउंड योग्यता को साबित किया है
हार्दिक ने टेस्ट में कई बार अपनी ऑलराउंड योग्यता को साबित किया है

हार्दिक पांड्या ने भारत के लिए अपना टेस्ट डेब्यू 2017 में किया था और कुछ समय तक वो लगातार टेस्ट टीम का हिस्सा रहे और इस दौरान उन्होंने कई बार बेहतरीन प्रदर्शन भी किया। हार्दिक के नाम 11 टेस्ट में 532 रन तथा 17 विकेट दर्ज हैं। इस दौरान उन्होंने एक शतक और चार अर्धशतक लगाए हैं। इसके अलावा उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन 32 रन देकर 5 विकेट लेना है, जोकि उन्होंने 2018 में इंग्लैंड के दौरे पर दर्ज किया था। हार्दिक के पास भारत का सफल ऑलराउंडर बनने की पूरी काबिलियत है और उम्मीद है कि यह खिलाड़ी जल्द ही ऑलराउंडर के रूप में टेस्ट में वापसी करेगा।

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Edited by निशांत द्रविड़
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