किंग्स इलेवन पंजाब को दस विकेट से हराकर आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम ने धमाकेदार वापसी की है। पहला मैच जीतने के बाद लगातार हारने वाली चेन्नई ने कमाल किया है। किंग्स इलेवन पंजाब की टीम को इस मैच में कोई मौका नहीं मिला और एकदम एकतरफा मैच दिखाई दिया। किंग्स इलेवन पंजाब की मजबूत टीम को चेन्नई सुपरकिंग्स इस तरह हराएगी, इसके बारे में किसी ने नहीं सोचा होगा। एक कड़े मुकाबले की अपेक्षा दोनों टीमों से फैन्स और क्रिकेट पंडितों को थी लेकिन ऐसा मौका नहीं आया।
चेन्नई सुपरकिंग्स ने इस मैच से दिखा दिया कि क्यों ये टीम आईपीएल की सबसे सफल टीमों में गिनी जाती है। दो मुख्य खिलाड़ियों के बिना खेलते हुए 178 रनों का लक्ष्य बिना विकेट गंवाए हासिल करना एक बड़ी उपलब्धि मानी जानी चाहिए। चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम ने तीन मैचों में हार के बाद इस बार जीत हासिल की है। इस आर्टिकल में किंग्स इलेवन पंजाब की हार के मुख्य कारणों के बारे में बताया गया है।
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किंग्स इलेवन पंजाब की हार के 3 कारण
केएल राहुल की धीमी बल्लेबाजी
किंग्स इलेवन पंजाब के अन्य सभी खिलाड़ियों का स्ट्राइक रेट देखा जाए तो यह केएल राहुल से काफी आगे नजर आते हैं। केएल राहुल ने 52 गेंद खेलकर 63 रन बनाए। पारी के लगभग आधे ओवर खेलने के बाद उनका स्ट्राइक रेट 121 का था जो काफी कम कहा जा सकता है। सपाट पिच पर इस तरह के स्ट्राइक रेट से टीम के कुल रनों में कमी आती है और यह टीम के लिए घातक होता है।
नई गेंद से विकेट नहीं मिलना
किंग्स इलेवन पंजाब की टीम के तेज गेंदबाजों ने नई गेंद का इस्तेमाल बखूबी नहीं किया। शेल्डन कोट्रेल और मोहम्मद शमी नई गेंद से टीम को सफलता दिलाने में नाकाम रहे। इसके बाद चेन्नई के बल्लेबाजों ने पंजाब को कोई मौका नहीं दिया।
वॉटसन-डू प्लेसी की बल्लेबाजी
फाफ डू प्लेसी और शेन वॉटसन ने लक्ष्य का पीछा करते हुए अंत तक बल्लेबाजी और अपना विकेट नहीं गंवाया। दोनों ने अपने-अपने विकेट बचाने के अलावा लगातार रन भी बनाए। किंग्स इलेवन पंजाब की टीम के लिए ये दोनों बल्लेबाज और इनके बीच हुई 181 रनों की अविजित मैच जिताऊ साझेदारी ने खलल डाला और उन्हें मैच गंवाना पड़ा। दोनों में से एक भी जल्दी आउट होता, तो मैच का निर्णय कुछ और हो सकता था।