3 reasons why Rohit Sharma dropped Washington Sundar to play R Ashwin: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम गुलाबी गेंद से एडिलेड के मैदान डे-नाइट टेस्ट खेल रही है। यह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 का दूसरा टेस्ट है। इससे पहले पर्थ में खेले गए मैच में भारत ने 295 रनों के बड़े अंतर से जीत हासिल करते हुए पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली थी। हालांकि, इस मैच में वापस आते ही कप्तान रोहित शर्मा ने प्लेइंग 11 को लेकर कुछ अहम फैसले किए, जिसमें से एक वाशिंगटन सुंदर को बाहर कर रविचंद्रन अश्विन को शामिल करना रहा।
वाशिंगटन सुंदर की न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में वापसी हुई थी और उन्होंने मौके का पूरा फायदा उठाया था। इसी वजह से उन्हें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए चुना गया और वह पर्थ टेस्ट में जगह बनाने में कामयाब रहे। इसी वजह से अश्विन को बाहर बैठना पड़ा था। हालांकि, अब दूसरे टेस्ट में अश्विन को मौका मिल गया है और सुंदर की छुट्टी कर दी गई है। इस आर्टिकल में हम 3 कारणों का जिक्र करने जा रहे हैं कि क्यों सुंदर को बाहर कर अश्विन को मौका दिया गया है।
3. पर्थ में वाशिंगटन सुंदर नहीं छोड़ पाए थे छाप
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट में वाशिंगटन सुंदर का प्रदर्शन बहुत ज्यादा अच्छा नहीं रहा था। बल्ले से उन्होंने दोनों पारियों को मिलाकर कुल 33 रन बनाए थे। वहीं गेंदबाजी में उन्हें पहली पारी में एक भी विकेट नहीं मिला था, जबकि दूसरी पारी में 2 ही विकेट हासिल किए थे।
2. बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ अश्विन का बेहतरीन रिकॉर्ड
टेस्ट क्रिकेट में रविचंद्रन अश्विन को बाएं हाथ के बल्लेबाजों का काल माना जाता है। इस गेंदबाज ने अपनी फिरकी में दुनिया भर के लेफ्ट हैंडर्स को अपना शिकार बनाया है। अश्विन ने टेस्ट में 500 से ज्यादा विकेट हासिल किए हैं, जिसमें से 268 शिकार उन्होंने बाएं हाथ के बल्लेबाजों के किए हैं। ऑस्ट्रेलिया की टीम में ओपनर उस्मान ख्वाजा और ट्रेविस हेड के रूप में दो खतरनाक लेफ्ट हैंड बल्लेबाज हैं। ख्वाजा पिछले मैच में नहीं चले थे लेकिन हेड ने दूसरी पारी में कमाल किया था। ऐसे में अश्विन के ऊपर इन्हें निपटाने की जिम्मेदारी होगी।
1. एडिलेड में अश्विन का अच्छा रहा है प्रदर्शन
रोहित शर्मा ने अश्विन को एडिलेड में इसलिए भी खिलाने का फैसला लिया होगा, क्योंकि इस मैदान पर उनका टेस्ट रिकॉर्ड काफी अच्छा है। उन्होंने इस वेन्यू पर पिछले 3 टेस्ट में 16 विकेट झटके हैं। ऐसे में सुंदर की जगह अश्विन की दावेदारी ज्यादा मजबूत दिखी। शायद इसी वजह से रोहित ने उन्हें मौका देना उचित समझा।