Rohit Sharma Captaincy: भारतीय टीम इन दिनों ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी खेल रही है। सीरीज के पहले मैच के बाद टीम इंडिया का प्रदर्शन काफी खराब रहा है। इक्का-दुक्का बल्लेबाजों को छोड़कर बाकी खिलाड़ी 50 रन के आंकड़े को भी छूने में नाकाम साबित हो रहे हैं। कप्तान रोहित शर्मा खुद रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं। उनसे सीरीज में जिस तरह के प्रदर्शन की उम्मीद जताई गई थी, वो उसके आसपास भी नजर नहीं आ रहे हैं।
दूसरी तरफ उनकी कप्तानी पर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं। टी20 फॉर्मेट में भले उन्होंने भारत को विजेता बनाया। लेकिन उससे पहले उनकी कप्तानी में भारतीय टीम आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023 का फाइनल और वनडे वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल भी हारी थी। भारतीय टीम का इस बार आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने का सपना भी टूटता हुआ नजर आ रहा है। आइए जानते हैं वो 3 कारण क्यों रोहित शर्मा ने अपनी जिद्द के चलते टीम इंडिया का किया बेड़ा गर्क।
3. गलतियों से सीख ना लेना
रोहित शर्मा की कप्तानी में जो सबसे बड़ी खामी नजर आती है, वो ये है कि वह अपनी पुरानी गलतियों से सीख नहीं लेते और बार-बार उसे दोहराते हैं। अगर कोई टीम आपको हरा रही है, तो आपको देखना होता है कि उनकी ताकत क्या है और कमजोरी क्या है। उसी हिसाब से कप्तान को अपना प्लान तैयार करना होता है। लेकिन रोहित के मामले में ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है। ट्रेविस हेड इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। वो लगातार टीम इंडिया के खिलाफ रन बनाते हैं, लेकिन मेन इन ब्लू अब तक उनके खिलाफ कोई ढंग का प्लान नहीं बना पाई। हेड इसी चीज का फायदा उठाते हैं।
2. फॉर्म में निरंतरता नहीं
किसी भी मैच में जब कप्तान रन बनता है, उससे टीम के बाकी खिलाड़ियों का भी हौसला बढ़ जाता है। रोहित लगातार बड़ी पारियां खेलने में अब पहले की तरह सक्षम नजर नहीं आते। ज्यादातर मैचों में वो शुरुआत में ही अपना विकेट खो देते हैं, जिससे पूरी टीम दबाव में आ जाती है। रोहित टीम के सबसे सीनियर खिलाड़ियों में से एक हैं, ऐसे में उनको जिम्मेदारी और टीम जरूरत के हिसाब से खेलने पर ध्यान देने की सख्त जरूरत है।
1. कड़े फैसले लेने में रहते हैं नाकाम
रोहित शर्मा टीम के हित के लिए कड़े फैसले लेने में चुस्त नहीं दिखते। कप्तान को देखना होता है कि प्लेइंग 11 में उसे कौन से खिलाड़ी रखने हैं और किसे बाहर करना है। लेकिन टी20 वर्ल्ड कप 2024 से सभी ने नोटिस किया होगा कि एक-दो खिलाड़ियों को छोड़कर लगभग हर वनडे-टेस्ट मैच में टीम की प्लेइंग 11 चेंज होती है। कुछ ऐसे खिलाड़ियों को भी मौका दिया जा रहा है, जिन्हें अभी ज्यादा अनुभव नहीं है।