चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए आईपीएल का यह सीजन खराब ही जा रहा है। सुरेश रैना और हरभजन सिंह के नहीं होने की कमी साफ दिख रही है। चेन्नई सुपरकिंग्स ने शुरूआती एक मैच के बाद बीच में एक मैच जीता। इसके बाद बुधवार को कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम ने उन्हें पराजित कर दिया। चेन्नई सुपरकिंग्स का प्रदर्शन इस बार अन्य सभी टीमों की तुलना में खराब रहा है। महेंद्र सिंह धोनी की अच्छी कप्तानी भी इस बार टीम को पराजित होने से नहीं बचा पर रही है। हालांकि आईपीएल में इस तरह से चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ होते हुए काफी कम देखा गया है।
हर सीजन चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम आईपीएल में अलग धाक के साथ मैदान पर उतरने के अलावा अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहती है। हर टीम को चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ मैदान पर उतरने से पहले रणनीति बनानी होती थी लेकिन इस बार यह टीम अलग ही जोन में नजर आ रही है। केकेआर के खिलाफ चेन्नई सुपरकिंग्स की हार के तीन कारणों पर यहाँ चर्चा की गई है।
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चेन्नई सुपरकिंग्स की हार के 3 कारण
राहुल त्रिपाठी की धाकड़ बल्लेबाजी
केकेआर के कप्तान दिनेश कार्तिक ने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव करते हुए राहुल त्रिपाठी को बतौर ओपनर खेलने के लिए भेजा और उनका यह फैसला सही साबित हुआ। राहुल त्रिपाठी ने चेन्नई के हर गेंदबाज की तगड़ी धुनाई करते हुए 81 रन की पारी खेल केकेआर को सम्मानजक स्कोर तक पहुंचा दिया। चेन्नई की हार में त्रिपाठी की पारी एक बड़ा कारण बनकर आई।
दीपक चाहर का मंहगा स्पैल
दीपक चाहर की स्विंग केकेआर के सामने नहीं चली। उनके चार ओवर ही चेन्नई के लिए भारी पड़े। दीपक चाहर के चार ओवर में 11 से ज्यादा की औसत से 47 रन पड़े। अन्य गेंदबाजों के ओवर में इतने रन नहीं बने थे। चाहर के इस स्पैल से रनों का समीकरण बिगड़ गया।
केदार जाधव की धीमी बल्लेबाजी
केदार जाधव जब बल्लेबाजी के लिए उस समय चेन्नई को जीतने के लिए तेजी से रन बनाने थे। केदार जादव ऐसा करने में असफल रहे। उन्होंने 12 गेंद खेली और 7 रन बनाकर नाबाद लौटे। जाधव की इस बल्लेबाजी के कारण चेन्नई की टीम लक्ष्य से दस रन दूर रह गई। चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए जाधव की खेली गए 12 गेंदे हार में बदल गई। जडेजा ने एक छोर पर 8 गेंद पर नाबाद 21 रन बनाए थे।