वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टी20 मैच में भारतीय टीम की हार के बारे में किसी ने नहीं सोचा था। जिस तरह आठ विकेट से मेहमान टीम ने मैच में जीत दर्ज की, यह काबिल-ए-तारीफ़ है। टीम इंडिया पर दबाव बनाने के उद्देश्य से ही विंडीज कप्तान किरोन पोलार्ड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी और लक्ष्य का पीछा करते हुए उनकी टीम ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया। भारतीय टीम ने 170 रन बनाए जो वेस्टइंडीज की टीम के लिए नाकाफी साबित हुए और उन्होंने आसान जीत हासिल की। पिच बल्लेबाजी के लिए अनुकूल थी लेकिन भारतीय बल्लेबाज इसका फायदा उठाने में नाकाम रहे।
पहली पारी में बल्लेबाजी भारतीय टीम कर रही थी लेकिन वेस्टइंडीज की टीम दबदबा बनाने में कामयाब रही। इसके बाद दूसरी पारी में भारतीय टीम की गेंदबाजी के दौरान भी मेहमान टीम ने अपना शानदार खेल जारी रखा। ऐसा नजर आया कि भारतीय टीम मुकाबले में नहीं है। वेस्टइंडीज की टीम ने गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों विभाग में बेहतरीन खेल के दम पर मैच जीता और सीरीज में भी अब 1-1 की बराबरी हो गई है। अंतिम मैच निर्णायक होगा। भारतीय टीम की हार के लिए कुछ कारण जिम्मेदार हैं जिनका जिक्र इस आर्टिकल में किया गया है।
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भारत की खराब बल्लेबाजी
टीम इंडिया के ओपनर बल्लेबाज शुरुआत में ही पवेलियन लौट गए। इसके बाद विराट कोहली भी आउट हुए। शिवम दुबे के अलावा किसी भी बल्लेबाज ने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की। ऊपर क्रम से लेकर मध्यक्रम की खराब बल्लेबाजी की वजह से स्कोर 170 तक ही पहुंचा और टीम इंडिया की पराजय का पहला कारण बना। बीस रन और बनते, तो मैच का नतीजा कुछ अलग हो सकता था।
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वेस्टइंडीज के ओपनर बल्लेबाजों की साझेदारी
भारतीय टीम गेंदबाजी में नई गेंद से विकेट लेकर विंडीज टीम पर दबाव बनाने के उद्देश्य से मैदान पर उतरी थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लेंडल सिमंस (67) और एविन लुईस (40) ने पहले विकेट के लिए जबरदस्त 73 रन जोड़े। इस साझेदारी ने भारत की उम्मीदों को गहरा झटका दिया। नई गेंद पर रन बनने के बाद वेस्टइंडीज की टीम से दबाव कम हो गया और यह टीम इंडिया पर आ गया। भारतीय टीम को इस समय कम से कम दो विकेट चटकाने की जरूरत थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भारत की हार में यह एक प्रमुख कारण रहा।
निकोलस पूरन की ताबड़तोड़ पारी
दो विकेट गिरने के बाद वेस्टइंडीज की टीम पर रन रेट का दबाव बन सकता था। इस समय निकोलस पूरन ने क्रीज पर आकर तूफानी बल्लेबाजी से भारत का काम मुश्किल कर दिया। इस बल्लेबाज ने अठारह गेंद पर 38 रन की जबरदस्त पारी खेलकर टीम का कोई अन्य विकेट नहीं गिरने दिया और जीत की दहलीज तक भी लेकर गए। इस बल्लेबाज को रोकने में भारतीय टीम कामयाब रहती, तो मैच का नतीजा कुछ और हो सकता था। पूरन ने क्रीज पर आकर न सिर्फ ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की बल्कि 9 गेंद पहली ही लक्ष्य प्राप्त कर लिया।