भारतीय टीम को ऑकलैंड में हुए दूसरे वनडे मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा और इसके साथ ही सीरीज भी भारत के हाथ से निकल गई। अगर भारतीय टीम तीसरा वनडे मैच भी हार जाती है तो उसे 3-0 से शिकस्त का सामना करना पड़ा। न्यूजीलैंड ने पहले खेलते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 8 विकेट के नुकसान पर 273 रन बनाए, जवाब में भारतीय टीम 48.3 ओवर में 251 रन पर आउट हो गई।
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भारत की तरफ से रविंद्र जडेजा ने 55, श्रेयस अय्यर ने 52 और नवदीप सैनी ने 45 रन बनाए लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके। न्यूजीलैंड की तरफ से रॉस टेलर ने एक बार फिर शानदार पारी खेली और नाबाद 73 रन बनाए।
आइए जानते हैं भारतीय टीम की इस हार के 3 प्रमुख कारण क्या रहे ?
आखिर के ओवरों में भारतीय गेंदबाजों का खराब प्रदर्शन
भारत के गेंदबाजों ने आखिर के ओवरों में बेहद खराब गेंदबाजी की और उसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। आखिरी 8.3 ओवर में भारतीय गेंदबाजों ने 76 रन दे दिए। एक समय न्यूजीलैंड के सिर्फ 197 रन पर 8 विकेट गिर गए थे और यहां से भारतीय टीम उन्हें ऑलआउट नहीं कर पाई और 76 रन दे दिए। कप्तान विराट कोहली ने भी मैच के बाद कहा कि हमने आखिर में कुछ रन ज्यादा दे दिए। जसप्रीत बुमराह ने अपने 10 ओवर के स्पेल में 64 रन दे दिए और कोई विकेट नहीं ले पाए। यही वजह रही कि कीवी टीम एक बड़ा स्कोर बनाने में कामयाब हो गई।
निचले क्रम में न्यूजीलैंड की जबरदस्त बल्लेबाजी
पहले बल्लेबाजी करते हुए एक समय कीवी टीम सिर्फ 197 रन पर 8 विकेट गंवा चुकी थी और ऑल आउट होने की कगार पर थी। लेकिन यहां से अपना वनडे डेब्यू कर रहे काइले जैमिसन और रॉस टेलर ने एक जबरदस्त साझेदारी कर अपनी टीम को चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचा दिया। इन दोनों बल्लेबाजों ने आखिरी 8.3 ओवर में 76 रनों की अविजिति साझेदारी की और यही रन आगे चलकर भारतीय टीम के लिए काफी महंगे साबित हुए।
भारतीय बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन
274 रनों का लक्ष्य भारतीय बैटिंग को देखते हुए इतना बड़ा नहीं था कि उसे हासिल ना किया जा सके और ये चीज आखिर में रविंद्र जडेजा और नवदीप सैनी ने साबित भी की। भले ही वो टीम को जीत ना दिला पाएं हों लेकिन उन्होंने मैच रोमांचक जरुर बना दिया था।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत काफी खराब रही। 96 रन तक टीम के 5 बल्लेबाज पवेलियन लौट गए। पृथ्वी शॉ, मयंक अग्रवाल, विराट कोहली , के एल राहुल और केदार जाधव जैसे बल्लेबाज बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे। अगर जडेजा और सैनी ने 8वें विकेट के लिए 76 रनों की साझेदारी ना की होती तो भारत को बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ता।