Reasons why KL Rahul instead of Rishabh Pant in Indian Playing 11: अगले महीने होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम रविवार को घोषित हो सकती है। टूर्नामेंट के लिए प्रारंभिक टीम घोषित करने का अंतिम समय भी 12 जनवरी का ही दिया गया है। इस टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में केएल राहुल का चुना जाना तय माना जा रहा है। चोट के कारण वनडे विश्व कप नहीं खेल पाने वाले ऋषभ पंत की भी टीम में वापसी होनी पक्की है। हालांकि, इन दोनों के टीम में चुने जाने के बावजूद प्लेइंग इलेवन में राहुल का चयन होना अधिक संभव है। आइए जानते हैं वह तीन कारण जो बताते हैं क्यों पंत की जगह राहुल को प्लेइंग इलेवन में मौके मिलने चाहिए।
#3 हालिया फॉर्म और प्रदर्शन
पंत ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेले पांच टेस्ट मैचों में बहुत प्रभावशाली प्रदर्शन नहीं किया था। पिछले दो साल में उन्होंने केवल एक वनडे मैच खेला है। ऐसे में उनके लिए इस फॉर्मेट में खुद को ढालना भी कठिन होगा। दूसरी ओर राहुल ने उनकी अनुपस्थिति में वनडे क्रिकेट में विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में अद्भुत प्रदर्शन किया था।
हालिया फॉर्म के साथ ही पंत की फिटनेस भी राहुल के मुकाबले उतनी अच्छी नहीं है। यदि पंत को विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में प्लेइंग इलेवन में चुना जाता है तो टीम एक अतिरिक्त बल्लेबाज या ऑलराउंडर को उतारने का मौका गंवा सकती है।
#2 केएल राहुल का बल्लेबाजी में लचीलापन
राहुल टॉप ऑर्डर से लेकर मिडिल ऑर्डर और लोअर मिडल ऑर्डर तक कहीं भी खेल सकते हैं, लेकिन पंत के लिए टीम को एक निश्चित स्थान तय करना होगा। वनडे क्रिकेट में पंत ने कुछ ऐसा खास योगदान दिया भी नहीं है जिसकी वजह से उन्हें इतने बड़े टूर्नामेंट में राहुल की जगह मौका मिल सके। बीच के ओवर में जब स्पिन गेंदबाजी होगी तो वहां पर पंत फंस भी सकते हैं, लेकिन राहुल के पास पारी चलते रहने का अच्छा अनुभव है। ऐसे में राहुल प्लेइंग इलेवन में पंत से अधिक जगह पाने के हकदार हैं।
#1 बड़े टूर्नामेंट और दबाव में खेलने का अनुभव
राहुल के पास बड़े टूर्नामेंट और दबाव वाले मैच खेलने का अनुभव पंत के मुकाबले कहीं अधिक है। 2023 के वनडे विश्व कप में ही देखा गया था कि राहुल ने कई बार दबाव में शानदार पारियां खेली थीं। उस तरह के दबाव में पंत वैसी पारियां खेल पाएंगे इस पर थोड़ा संदेह है। भले ही राहुल के वनडे विश्व कप फाइनल में खेली गई पारी की आलोचना होती रही है, लेकिन यह बात भी सच है कि अगर राहुल ने उस दिन पारी को संभाला न होता तो भारतीय टीम एक सम्मानजनक स्कोर तक भी नहीं पहुंच पाती।