Pakistan Team Poor Performance Reason : आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की होस्ट और डिफेंडिंग चैंपियन पाकिस्तान की टीम इस बार टूर्नामेंट से बाहर हो गई है। इस मेगा इवेंट में पाकिस्तान की टीम डिफेंडिंग चैंपियन के तमगे के साथ उतरी थी। जिनसे कुछ उम्मीदें जरूर थीं। लेकिन इस टीम को अपने ग्रुप के शुरुआती दोनों ही मैचों में मात खानी पड़ी है और वो शर्मनाक तरीके से बाहर गए हैं।
पाकिस्तान की टीम को रविवार को टीम इंडिया ने आसानी से 6 विकेट से हरा दिया। तो इससे पहले ग्रुप-ए के पहले मैच में मोहम्मद रिजवान की कप्तानी वाली इस टीम को न्यूजीलैंड ने 60 रन से हराया था। इसके साथ ही अब पाकिस्तान के सपने टूट गए हैं।
तो चलिए आपको इस आर्टिकल में बताते हैं वो 3 कारण क्यों पाकिस्तान की टीम चैंपियंस ट्रॉफी में बुरी तरह से हुई फ्लॉप साबित।
3.पाकिस्तान की कमजोर फील्डिंग
क्रिकेट की फील्ड पर पाकिस्तान की टीम हमेशा ही अपनी एक समस्या से परेशान रही है। वो उनकी फील्डिंग रही है। पाकिस्तान की टीम का फील्डिंग का स्तर इतना खराब रहा है कि इनसे स्कूली बच्चों जैसी गलतियां देखी जाती हैं। इस टूर्नामेंट के पहले दोनों ही मैचों में पाकिस्तान के फील्डरों की गलतियां छुपायी नहीं जा सकती है। जहां उन्होंने ग्राउंड फील्डिंग से लेकर कैचिंग में भी गलतियां की और टीम को इस हालात में पहुंचा दिया।
2.शाहीन अफरीदी और हारिस रऊफ जैसे स्टार गेंदबाजों ने लुटाए रन
पाकिस्तान की टीम को अपनी बॉलिंग यूनिट के 2 सबसे खतरनाक तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी और हारिस रऊफ ने काफी उम्मीदें थी। लेकिन इन दोनों ही गेंदबाजों ने बहुत निराश किया। शाहीन अफरीदी और हारिस रऊफ ने इस टूर्नामेंट के अब तक खेले दोनों मैचों में खूब रन लुटाए। जहां हारिस रऊफ की बात करें तो उन्होंने 2 मैच में 7.94 की इकॉनोमी से रन खर्च कर सिर्फ 2 विकेट झटके। तो वहीं शाहीन भी करीब-करीब बराबरी पर रहे और उन्होंने 2 मैच में 7.88 की इकॉनोमी से रन दिए और 2 विकेट ले सके। उनकी इस खराब गेंदबाजी से सामने वाली टीम को फायदा हुआ।
1.बाबर-रिजवान की धीमी बल्लेबाजी
पाकिस्तान की टीम का इस चैंपियंस ट्रॉफी में बहुत ही लचर प्रदर्शन रहा। जिसमें सबसे बड़े विलेन उनकी टीम के 2 सबसे बड़े स्टार खिलाड़ी साबित हुए। टीम के पूर्व कप्तान बाबर आजम और टीम के कप्तान मोहम्मद रिजवान ने अपनी बैटिंग से निराश किया। दोनों ही बल्लेबाजों ने इस टूर्नामेंट के दोनों ही मैचों में काफी खराब बैटिंग की। उनकी इस धीमी गति से खेली पारी ने टीम को नुकसान पहुंचाया। बाबर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 90 गेंद में 64 रन बनाए थे। तो वहीं रिजवान इस टूर्नामेंट के दोनों मैचों में 91 गेंद का सामना कर सिर्फ 49 रन बना सके।