भारत ने श्रीलंका को तीसरे टी -20 में 5 विकेट से हराया और श्रृंखला 3-0 से अपने नाम कर ली। श्रीलंका के खिलाफ एक बेहतरीन प्रदर्शन के बाद, भारत अब आईसीसी टी -20 टीम रैंकिंग में नंबर 2 पर पहुंच गया है। रोहित शर्मा अपने कप्तानी कौशल के साथ प्रभावशाली लगे, और इसके अलावा बतौर बल्लेबाज भी उनका प्रदर्शन लाजवाब रहा। धर्मशाला में पहले एकदिवसीय के अलावा, पूरी श्रृंखला में भारत हावी रहा। भारतीय कोच रवि शास्त्री ने हाल ही में स्वीकार किया कि टीम को टी 20 फॉर्मेट की परवाह नहीं है और उनका ध्यान 201 9 विश्व कप में है। वही रोहित अपनी कप्तानी से लगातार प्रभावित करते रहे हैं, यह अच्छा कदम होगा कि वह टी -20 प्रारूप में कप्तान बने। आइये इसके पीछे 3 कारणों पर नज़र डालें:
# 3 कोहली के साथ कप्तानी के बोझ को साझा करना
विराट कोहली के श्रीलंका के खिलाफ श्रृंखला में आराम करने के फैसले के बाद रोहित शर्मा को एकदिवसीय और टी 20 श्रृंखला के लिए भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया। कोहली की अनुपस्थिति में रोहित को बड़ी जिम्मेदारियां संभालनी थी और उन्होंने एकदिवसीय और टी 20 श्रृंखला जीतकरअच्छा प्रदर्शन किया। फिलहाल कोहली भारतीय टीम का नेतृत्व तीनों प्रारूपों में कर रहे हैं और फिलहाल अजेय लग रहे है। उन्होंने 2017 में प्रत्येक श्रृंखला जीती है, लेकिन अगले 18 महीनों में लंबी आगामी विदेशी श्रृंखलाओं के साथ, कोहली को तीनों प्रारूपों में उसी गति को बनाए रखना मुश्किल हो सकता है। पूर्व में हमने कई कप्तानों को तीनों प्रारूपों में कप्तानी में संघर्ष करते देखा है और इसके चलते उनका प्रदर्शन भी प्रभावित होता आया है। यहां तक कि एमएस धोनी ने 2014 में टेस्ट कप्तानी छोड़ दी थी, और एकदिवसीय में कप्तान बने रहे। टेस्ट और वनडे के मुकाबले टी 20 के अपेक्षाकृत कम महत्व को ध्यान में रखते हुए रोहित को टी 20 में भारतीय टीम का नेतृत्व दिया जा सकता है और कोहली के साथ कप्तानी के बोझ को वह साझा कर सकते हैं।
# 2 आईपीएल में सबसे सफल कप्तान
रोहित शर्मा ने मुंबई इंडियंस टीम के कप्तान के रूप में 2013 में जिम्मेदारी संभाली , और तब से मुंबई 3 आईपीएल खिताब जीत चुका है। वह टीम की रीढ़ की हड्डी रहे हैं, और टीम का नेतृत्व करते हुए शांत स्वाभाव रखते हैं। रोहित आईपीएल के इतिहास में सबसे सफल कप्तान रहे हैं और 66 में से 40 मैच जीते हैं। वह कप्तान के रूप में तीन आईपीएल खिताब जीतने वाले एकमात्र कप्तान हैं, जो उनके बेहतरीन नेतृत्व कौशल को दर्शाता है। इस साल के आईपीएल फाइनल में मुंबई ने 20 ओवर में केवल 129 रन बनाए और कोई भी उन्हें फाइनल जीतने का दावेदार नही मान रहा था। लेकिन रोहित के अलग विचार थे और जीत के लिए जाने के लिए खेले। उनकी शानदार कप्तानी के चलते मुंबई ने सिर्फ एक रन से रोमांचक मैच जीता। आईपीएल में उनकी कप्तानी के अनुभव और भारतीय कप्तान के रूप में उनके हाल में उभरने के साथ, रोहित के पास वो सभी गुण हैं जिनसे वह टी -20 प्रारूप में भारत के लिए कप्तानी जारी रख सकते हैं।
# 1 आगे बढ़ कर टीम का नेतृत्व करना
जब श्रीलंका ने पहले वनडे में भारत को हराया था, वह रोहित शर्मा का कप्तान के रूप में पहला मैच था जो कि उनके लिए दुःस्वप्न रहा, लेकिन दूसरे वनडे में रोहित जब काफी दबाव में थे, वहां से एक शानदार दोहरे शतक के साथ उन्होंने टीम का नेतृत्व किया और अंत में मैच भी जीता। तब से भारत ने मुड़ कर नहीं देखा और एकदिवसीय और टी -20 श्रृंखला जीतकर कर अपना वर्चस्व बनाये रखा। कप्तानी के तहत रोहित के बल्लेबाज़ी के आंकड़े ज्यादा प्रभावशाली थे, जिसमें उन्होंने 3 वनडे मैचों में 108.50 की औसत से 217 रन बनाए और 3 टी -20 मैचों में 54 की औसत से 162 रन बनाये। वह एकदिवसीय और टी 20 दोनों ही श्रृंखला में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। किसी भी स्थिति से लड़ने और दबाव की स्थिति में शांत रहने की क्षमता रोहित की कप्तानी का मुख्य आकर्षण है। वह अपने फील्ड प्लेसमेंट और गेंदबाजी परिवर्तनों के साथ सभी को प्रभावित करते रहे हैं। रोहित अधिक से अधिक मैच खेलने के साथ, प्रत्येक मैच में बतौर कप्तान और बेहतर होते रहेंगे और भारतीय टीम के लिए भविष्य में एक अतिरिक्त विकल्प रहेगा जो कोहली की अनुपस्थिति में मैदान पर टीम का नेतृत्व कर पायेगा। लेखक: प्रथमेश पाटिल अनुवादक: राहुल पाण्डे