भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका को रांची टेस्ट मैच में एकतरफा मुकाबले में हरा दिया। भारतीय टीम ने इस मैच में एक पारी और 202 रनों के विशाल अंतर से जीत हासिल की। इसके साथ ही 3 मैचों की टेस्ट सीरीज 3-0 से भारत के नाम रही। वैसे देखा जाए तो तीनों ही मैचों में दक्षिण अफ्रीका को एकतरफा हार मिली। केवल विशाखापट्टनम में हुए पहले टेस्ट मैच की पहली पारी को छोड़ दें तो बाकी समय प्रोटियाज टीम के खिलाड़ी जूझते नजर आए।
दक्षिण अफ्रीका के लिए ये सीरीज बेहद निराशाजनक रही है और वे इसे जल्द से जल्द भूलना चाहेंगे। किसी भी डिपार्टमेंट में टीम ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। क्विंटन डी कॉक, फाफ डू प्लेसी और डीन एल्गर जैसे सीनियर खिलाड़ी भी अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे। इसके अलावा भी टीम में कई कमियां और दिखीं।
आइए जानते हैं वो 3 कारण क्या हैं जिससे दक्षिण अफ्रीका को इतनी बड़ी शिकस्त का सामना करना पड़ा।
बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन
दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों ने इस सीरीज में बहुत ही खराब प्रदर्शन किया। पुणे टेस्ट मैच की पहली पारी को छोड़ दें तो उसके बाद किसी भी पारी में कोई भी बल्लेबाज टिककर नहीं खेल सका। 6 में से 4 पारियों में पूरी टीम 200 रन भी नहीं बना पाई। डीन एल्गर दक्षिण अफ्रीका की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। उन्होंने 3 मैचों की 6 पारियों में 232 रन बनाए। उसके बाद किसी भी बल्लेबाज के पूरी सीरीज को मिलाकर 200 रन नहीं हैं।
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क्विंटन डी कॉक 3 मैच में 156 रन ही बना सके, वहीं कप्तान फाफ डू प्लेसी भी बुरी तरह फ्लॉप रहे। उन्होंने 3 मैचों में 23.66 की औसत से सिर्फ 142 रन बनाए। एडेन मार्करम भी 2 मैचों की 4 पारियों में 11 की औसत से सिर्फ 44 रन ही बना सके। सीनियर खिलाड़ी बल्लेबाजी में पूरी तरह असफल रहे और यही कारण रहा कि दक्षिण अफ्रीका को दो बार फॉलोआन खेलना पड़ा और उन्हें सीरीज में बुरी तरह शिकस्त मिली।
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