आईपीएल एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहाँ से कई खिलाड़ियों के क्रिकेट की शुरुआत की और वे अपने देश की राष्ट्रीय टीम की तरफ से भी खेले। इस मंच से कई खिलाड़ी निकले और विश्व क्रिकेट में उन्हें एक नई पहचान मिली। विश्व में सबसे ज्यादा पंसद की जाने वाली यह टी20 लीग खिलाड़ियों और दर्शकों के लिए एक शानदार सौगात लेकर आती है। भारत के हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह इस प्रतिष्ठित लीग में खेले। इसी तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टार खिलाड़ी भी इस टूर्नामेंट में शिरकत करने के बारे में सोचते हैं।
कुछ खिलाड़ियों को बेहतरीन प्रदर्शन के बल पर कई साल खेलने के लिए मिलते हैं तथा कई खिलाड़ी ऐसे भी होते हैं जिन्हें ज्यादा मैच खेलने के लिए नहीं मिलते। आईपीएल में ऐसे कई खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने सौ से ज्यादा मैच खेले हैं और कई बार ख़िताब जीतने वाली टीमों का हिस्सा भी बने हैं। कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे हैं जिन्हें ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिला। इन सबके बीच कई खिलाड़ी ऐसे हुए हैं जिन्हें आईपीएल के इतिहास में सिर्फ एक मैच खेलने का मौका मिला और इसके बाद उन्हें कभी मैदान पर नहीं देखा गया। ख़ास बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके दिग्गज इस सूची में शामिल हैं। उन्हीं तीन खिलाड़ियों की चर्चा यहाँ की गई है।
यूनिस खान
इस खिलाड़ी को आईपीएल के पहले संस्करण में खेलने का मौका मिला था। पाकिस्तान के ग्यारह खिलाड़ी उस समय खेले थे और यूनिस खान भी उनमें से एक थे। राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया था और एक बार अंतिम एकादश में शामिल किया। किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ अपने आईपीएल जीवन का एकमात्र मुकाबला खेलने वाले यूनिस खान ने 7 गेंद में 3 रन बनाए। इसके बाद कभी उन्हें आईपीएल में खेलते हुए नहीं देखा गया।
मशरफे मोर्तजा
बांग्लादेश के पूर्व कप्तान मशरफे मोर्तजा को साल 2009 में कोलकाता नाइटराइडर्स की तरफ से डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ खेलने का मौका मिला था। उस समय आईपीएल दक्षिण अफ्रीका में आयोजित किया गया था। मोर्तजा ने अपने चार ओवर में 58 रन खर्च किये थे। इसके बाद आईपीएल में उन्हें किसी अन्य टीम की तरफ से खेलते हुए कभी नहीं देखा गया। केकेआर के लिए उन्होंने अपना एकमात्र आईपीएल मैच खेला।
अकीला धनंजय
इस श्रीलंकाई ऑफ़ स्पिनर ने आईपीएल में डेब्यू 2018 में किया था। उन्होंने मुंबई इंडियंस की तरफ से दिल्ली के खिलाफ मुकाबला खेला। यही उनका एकमात्र आईपीएल मैच था। अपने चार ओवर में उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। इस मैच के बाद अगले साल उन्हें आईपीएल में नहीं खिलाया गया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 2012 में डेब्यू करने के बाद भी उन्हें आईपीएल में आने के लिए छह साल का समय लगा।