कोलकाता नाइटराइडर्स का नया कप्तान और एक नया मैच और करारी हार। मुंबई इंडियंस के सामने कोलकाता नाइटराइडर्स की टीम कहीं नजर ही नहीं आई। कोलकाता नाइटराइडर्स ने थोड़ी देर भी मुकाबला नहीं किया। मैच शुरू होने से पहले केकेआर से तगड़ी फाईट की उम्मीद सभी कर रहे थे लेकिन बाद में सब चीजें उल्टी होती चली गई। कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाड़ी भी एकदम थके हुए नजर आ रहे थे। दूसरी तरफ मुंबई इंडियंस ने पूरी तरह से मैच पर शुरू से ही अपनी पकड़ मजबूत बनाई जो मैच जीतने तक बरक़रार रही।
मुंबई इंडियंस ने अपने आक्रामक अंदाज को गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में ही दिखाया। गेंदबाजी में दबाव बनाने के बाद बल्लेबाजों का काम आसान हो गया और केकेआर के गेंदबाजों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई। यही मुंबई इंडियंस की खासियत है और शायद इस वजह से ही यह टीम अंक तालिका में पहले नम्बर पर है। केकेआर के लिए कुछ भी सही नहीं गया। इस आर्टिकल में केकेआर की हार के तीन कारणों का जिक्र किया गया है।
यह भी पढ़ें: 3 खिलाड़ी जिन्होंने सबसे ज्यादा उम्र में आईपीएल खेला
कोलकाता नाइटराइडर्स की हार के 3 कारण
टॉप क्रम का फ्लॉप खेल
केकेआर के टॉप क्रम में आज कोई दम नजर नहीं आया। ऊपर के 5 बल्लेबाज महज 61 रन बनाकर ही पवेलियन लौट गए थे। इससे केकेआर की टीम पर दबाव आ गया। इयोन मॉर्गन और पैट कमिंस क्रीज पर टिककर सही तरह से बल्लेबाजी नहीं करते तो केकेआर का स्कोर 148 से भी कम हो सकता था। यही हार का पहला कारण रहा।
मुंबई के सभी गेंदबाजों की धाकड़ गेंदबाजी
मुंबई इंडियंस के एक भी गेंदबाज ने मैच में खराब गेंदबाजी का प्रदर्शन नहीं किया। जसप्रीत बुमराह, राहुल चाहर, क्रुणाल पांड्या ने तो 6 से भी कम की औसत से रन खर्च किये। बढ़िया इकोनोमी रेट से गेंदबाजी करने के कारण केकेआर को कम स्कोर पर ही रोक दिया गया और बाद में मुंबई के बल्लेबाजों के लिए काम आसन हो गया।
रोहित-डी कॉक की साझेदारी
जिस तरह से नई गेंद के साथ मुंबई इंडियंस के गेंदबाजों ने गेंदबाजी की थी वैसा केकेआर के गेंदबाज नहीं कर पाए। रोहित शर्मा और क्विंटन डी कॉक ने पावरप्ले में ही मैच अपनी तरफ कर लिया था। दोनों ने मिलकर पहले विकेट के लिए 94 रन जोड़े और केकेआर के पास मैच जीतने का कोई मौका नहीं छोड़ा। इस साझेदारी की बदौलत मुंबई इंडियंस ने एक आसान जीत हासिल की।