दक्षिण अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी एबी डीविलियर्स को संन्यास के दो साल बाद भी फैन्स उसी शिद्दत से चाहते हैं। आईपीएल में आरसीबी के लिए खेलने वाले एबी डीविलियर्स ने अपने अजीब शॉट और आक्रामक अंदाज से सभी का दिल जीता। अचानक संन्यास की घोषणा से फैन्स सहित क्रिकेट जगत को भी एबी डीविलियर्स ने हैरान करने वाला काम किया था। हर प्रारूप में उन्होंने बेहतरीन क्रिकेट खेला।
एबी डीविलियर्स ने 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ पोर्ट एलिजाबेथ में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था, उन्होंने करीबन 14 साल के करियर में 114 टेस्ट, 228 एकदिवसीय और 78 टी20 मैच खेले। इस समय के दौरान एबी डीविलियर्स ने बहुत कुछ हासिल किया और बहुत कुछ ऐसा भी था जिसे वह नहीं pa सके। यहाँ तीन ऐसी उपलब्धियों के बारे में बताया गया है, जिन्हें वह हासिल कर सकते थे लेकिन सफल नहीं हो पाए। कुछ समय और खेलने पर वह ऐसा कर सकते थे।
एबी डीविलियर्स ये उपलब्धियां पा सकते थे
वनडे में 200 रन और टी20 में शतक
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज शतक और सबसे तेज 150 रन बनाने वाले बल्लेबाज होने के बाद भी 200 रन बनाने वाले खिलाड़ियों की सूची में उनका नाम नहीं होना चौंकाता है। निश्चित रूप से वह इस आंकड़े को प्राप्त करने में सक्षम खिलाड़ी थे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। टी20 क्रिकेट में भी वह धुआंधार खेलते थे लेकिन वहां भी शतक जड़ने में नाकाम रहे। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 79 रन रहा।
टेस्ट में तिहरा शतक नहीं जड़ पाए
एबी डीविलियर्स टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ने के बेहद करीब थे लेकिन ऐसा कर नहीं पाए थे। उनके बल्ले से पाकिस्तान के खिलाफ यूएई में 2010 में 278 रन की पारी निकली थी। वह इसे तिहरे शतक में नहीं बदल पाए। इसके बाद यहाँ तक वह नहीं पहुंचे और उनके खाते में तिहरा शतक नहीं आया।
किसी भी प्रारूप में 10 हजार रन नहीं बनाए
टेस्ट और वनडे दोनों में एबी डीविलियर्स का औसत 50 से ऊपर का था। संन्यास लेने के समय वह वनडे में दस हजार रन बनाने के बेहद करीब भी थे लेकिन उन्होंने खेल को अलविदा कहना ही उचित समझा। उन्होंने 114 टेस्ट में 50.66 की औसत से 8765 रन बनाये और एकदिवसीय मैचों में डीविलियर्स ने 228 मैच में 53.50 की औसत से 9577 रन बनाए। इस तरह वह दोनों प्रारूप में ही दस हजार रन नहीं बना पाए।