खेल जगत फिक्सिंग के कारण हमेशा से ही शर्मसार हुआ है। क्रिकेट का खेल भी फिक्सिंग की घटनाओं से अछूता नहीं रहा है। समय-समय पर मैच फिक्सिंग की घटनाएं क्रिकेट के खेल में देखने को मिली है। कम समय में ज्यादा पैसा कमाने की इस चाहत के कारण क्रिकेट में भी साल 2000 से मैच फिक्सिंग जैसी घटनाएं सामने आने लगी। कई देशों के खिलाड़ी समय-समय पर इसमें लिप्क पाए गए। जिसके कारण कई खिलाड़ियों का करियर भी चौपट हो गया। भारतीय क्रिकेट में मोहम्मद अजहरुद्दीन मैच फिक्सिंग करने वाले पहले खिलाड़ी के तौर पर जाने जाते हैं। वहीं इसके बाद एक नया टर्म 'स्पॉट फिक्सिंग' भी सामने आया। इसमें खेल के किसी हिस्से को पहले ही फिक्स कर दिया जाता है। साल 2013 के इंडियन प्रीमियर लीग के सीजन में अंकित चव्हाण, अजीत चांडीला और श्रीसंत जैसे खिलाड़ियों पर स्पॉट फिक्सिंग से जुड़े आरोप लगे। ऐसे में जेंटलमैन खेल कहे जाने वाले क्रिकेट पर भी फिक्सिंग के कारण दाग लगते रहे हैं। आइए आज जानते हैं उन चार खिलाड़ियों के बारे में जो कि इस भ्रष्टाचार में शामिल रहे हैं लेकिन लोग इनके बारे में कम जानते हैं... #4 लोनवाबो सोट्सोबे (दक्षिण अफ्रीका) दक्षिण अफ्रीका के लोनवाबो सोट्सोबे ने अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर का आगाज साल 2009 में किया था। सोट्सोबे एक तेज गेंदबाज के तौर पर टीम में शामिल हुए थे। उन्होंने घरेलू स्तर पर साल 2004-05 में पदार्पण करते हुए 17.75 की औसत से 16 विकेट हासिल किए थे। वहीं उन्होंने अलगे घरेलू सीजन में 49 विकेट हासिल करते हुए चयनकर्ताओं को अपनी ओर आकर्षित किया था। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 61 वनडे मुकाबले खेलते हुए उन्होंने 94 विकेट हासिल किए। इस दौरान उनकी औसत 24.97 की रही। उन्होंने सिर्फ पांच टेस्ट मैचों में ही टीम का प्रतिनिधित्व किया है। हालांकि बाद में रैम स्लैम लीग में साल 2015-16 में लोनवाबो सोट्सोबे मैच फिक्सिंग में शामिल पाए गए। इस फिक्सिंग कांड के बाद लोनवाबो सोट्सोबे पर दक्षिण अफ्रीका के जरिए 8 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया। इसके बाद से ही लोंवाबो सोट्सोबे ने एक भी क्रिकेट मुकाबला नहीं खेला। #3 मोहम्मद अशरफुल ( बांग्लादेश) बांग्लादेश क्रिकेट में भी मैच फिक्सिंग का मामला सामने आ चुका है। मोहम्मद अशरफुल ने श्रीलंका के खिलाफ साल 2001 में बांग्लादेश की तरफ से अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर का आगाज किया था। इसके बाद उन्होंने 250 मुकाबले में बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व किया। अपने क्रिकेट करियर का आगाज उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ शतक लगाते हुए किया था। मोहम्मद अशरफुल इसके साथ ही टेस्ट शतक लगाने वाले युवा खिलाड़ी बन गए। इसके बाद साल 2003 में बांग्लादेश के जरिए उन्हें ड्रॉप कर दिया गया लेकिन साल 2004 में उन्होंने वापसी की और भारत के खिलाफ चिट्टागोंग में 158 रनों की शानदार पारी को अंजाम दिया। मोहम्मद अशरफुल इसके बाद लगातार शानदार खेल दिखाते हुए, जिसके कारण बांग्लादेश ने साल 2007 में उन्हें कप्तानी सौंप दी। तब वो सिर्फ 22 साल के थे और इसके साथ ही उनके कंधे पर काफी भार भी आ गया। हालांकि साल 2013 में मोहम्मद अशरफुल स्पॉट फिक्सिंग में शामिल पाए गए। बांग्लादेश प्रीमियर लीग में ढाका ग्लाडिएटर्स की ओर से खेलते हुए उन्हें इसमें शामिल पाया गया। इसके बाद बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने उन पर आठ साल का बैन लगा दिया। हालांकि बाद में इसे घटाते हुए दो साल के सस्पेंशन के साथ पांच साल कर दिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक मोहम्मद अशरफुल ने बीपीएल सीजन 2 में चिट्टागोंग किंग्स के खिलाफ मैच हारने के बदले 12,800 यूएस डॉलर लिए थे। #2 हर्शल गिब्स (दक्षिण अफ्रीका) दक्षिण अफ्रीका के हर्शल गिब्स भी मैच फिक्सिंग में शामिल रह चुके हैं। दक्षिण अफ्रीका की तरफ से हर्शल गिब्स ने साल 1996 में केन्या के खिलाफ अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर का आगाज किया था। गिब्स ने दक्षिण अफ्रीका के लिए 361 मुकाबले खेले हैं और उन्होंने 248 वनडे मैचों में खेलते हुए 21 शतक भी लगाए हैं। इसके साथ ही दक्षिण अफ्रीका की ओर से वनडे में रन बनाने के मामले में गिब्स दूसरे स्थान पर आते हैं। उनके नाम 8094 रन दर्ज हैं। हर्शल गिब्स का नाम भारत के खिलाफ हेंजी क्रोंज में मैच फिंक्सिंग के लिए सामने आया था। रिपोर्ट के अनुसार गिब्स ने इसके लिए 15,000 यूएस डॉलर लिए थे। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका ने गिब्स को 6 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया। #1 मार्लन सैमुअल्स ( वेस्टइंडीज) वेस्टइंडीज के मार्लन सैमुअल्स ने श्रीलंका के खिलाफ साल 2000 में अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर का आगाज किया था। उन्होंने वेस्ट इंडीज के लिए 335 मुकाबले खेले हैं। वेस्टइंडीज के लिए खेलते हुए मार्लन सैमुअल्स ने 11000 के करीब अंतर्राष्ट्रीय रन स्कोर किए हैं। अपने खेल के दम पर ही उन्होंने वेस्टइंडीज को उसका पहला आईसीसी टी20 विश्व कप खिताब जीताने में भूमिका अदा की थी। इसके साथ ही मार्लन सैमुअल्स के नाम 148 विकेट भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में दर्ज है। हालांकि भारतीय पुलिस ने आरोप लगाया था कि मार्लन सैमुअल्स बुकी को जानकारी पहुंचा रहे थे। इसके बाद आईसीसी ने उन्होंने दोषी पाया और उन पर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया। दो साल खत्म होने के बाद उन्होंने फिर से क्रिकेट में वापसी की। इसके बाद मार्लन सैमुअल्स ने वेस्टइंडीज को साल 2012 और 2016 का टी20 विश्व कप जीताने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। लेखक: मद्रास चरण अनुवादक: हिमांशु कोठारी