विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के पहले संस्करण का समापन हो चुका है। लगभग दो साल तक चले इस टूर्नामेंट में कई दिलचस्प मुकाबले देखने को मिले और दर्शकों का भरपूर मनोरंजन हुआ। हालांकि WTC के ज्यादातर मैच कोरोना के कारण दर्शकों की गैरमौजूदगी में ही हुए लेकिन फाइनल में दर्शकों को मैदान में जाकर इस प्रतियोगित के समापन में शामिल होने का मौका मिला। इस टूर्नामेंट के फाइनल में न्यूजीलैंड की टीम ने एकजुट होकर शानदार प्रदर्शन किया और उन्होंने भारतीय टीम के मुकाबले खुद को बेहतर साबित करते हुए टेस्ट चैंपियनशिप जीतने में कामयाबी हासिल की।
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बात की जाए भारतीय टीम की तो इस टीम का सफर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा लेकिन टीम ने सभी मुश्किलों से पार पाते हुए फाइनल में प्रवेश किया था। हालांकि फाइनल में टीम के बल्लेबाजों के निराशाजनक प्रदर्शन के कारण हार का मुंह देखना पड़ा। इस प्रतियोगिता के दौरान भारतीय टीम के कई प्रमुख बल्लेबाज एक भी शतक नहीं लगा पाए। इन प्रमुख खिलाड़ियों से बड़ी पारी की उम्मीद थी लेकिन इन सभी खिलाड़ियों ने निराश किया। इस आर्टिकल में हम ऐसे ही 4 भारतीय बल्लेबाजों की बात करने जा रहे हैं, जिन्होंने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में एक भी शतक नहीं लगाया।
नोट : इस आर्टिकल में उन्हीं खिलाड़ियों को शामिल किया गया हैं, जिन्होंने WTC में कम से कम 5 मैच खेले हैं।
4 भारतीय खिलाड़ी जिन्होंने WTC में एक भी शतक नहीं लगाया
#4 ऋद्धिमान साहा
भारतीय टेस्ट टीम में एक समय प्रमुख विकेटकीपर की भूमिका निभाने वाले ऋद्धिमान साहा को टेस्ट में एमएस धोनी के संन्यास के बाद काफी मौके मिले लेकिन साहा इन मौकों को बल्लेबाजी के दौरान पूरी तरह से भुनाने में नाकाम रहे। यही कहानी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में भी देखने को मिली जब टीम ने पंत की जगह शुरूआती चरण में साहा पर भरोसा दिखाया था लेकिन वो एक भी अर्धशतकीय पारी नहीं खेल पाए थे और इसी वजह से ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर उन्हें पहले टेस्ट के बाद बाहर का रास्ता दिखाया गया। साहा इस टेस्ट चैंपियनशिप में 6 मैचों में मात्र 87 रन बनाये और उनके बल्ले से शतक तो क्या एक अर्धशतक भी देखने को नहीं मिला।
#3 शुभमन गिल
भारतीय टीम के लिए पिछले कुछ समय से नियमित तौर पर ओपनिंग करने वाले शुभमन गिल ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया दौरे पर की थी। उस दौरे पर गिल ने कुछ बेहतरीन पारियां खेली थी और सभी को लगा था कि आगे चलकर गिल जरूर इस टेस्ट चैंपियनशिप में बड़ी पारी खेलेंगे। हालांकि ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद गिल के प्रदर्शन में गिरावट आई और उनके बल्ले से पिछली 9 पारियों में मात्र एक अर्धशतक देखने को मिला। गिल इस पूरी प्रतियोगिता के दौरान 8 मैच खेले लेकिन उनके बल्ले से एक भी शतक नहीं आया। उन्होंने तीन अर्धशतक जरूर बनाये और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 91 रन रहा।
#2 रविंद्र जडेजा
ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने भारत के लिए लम्बे समय तक अपनी गेंदबाजी से योगदान दिया है लेकिन अब उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में निरंतरता लाते हुए बल्ले के साथ भी टीम के लिए निचले क्रम में कई उपयोगी पारियां खेली। जडेजा ऑस्ट्रेलिया दौरे में चोटिल हो गए थे और इस वजह से उन्हें उस दौरे पर कुछ टेस्ट मैच तथा इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज से बाहर रहना पड़ा था लेकिन उन्होंने फाइनल में वापसी की।
जडेजा काफी नीचे बल्लेबाजी करते हैं लेकिन उनकी काबिलियत को आंकते हुए उनसे शतक की उम्मीद करना गलत नहीं। हालांकि यह बल्लेबाज विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में एक भी शतक नहीं लगा पाया। जडेजा ने बिना शतक के 11 मैचों में 500 रन बनाये और इस दौरान 5 अर्धशतक लगाए।
#1 चेतेश्वर पुजारा
धैर्य के साथ टेस्ट प्रारूप में लम्बी पारी खेलने के लिए मशहूर चेतेश्वर पुजारा ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के पहले संस्करण में अपनी बल्लेबाजी से काफी निराश किया। इसी वजह से अब कई दिग्गज टीम में उनकी जगह पर सवाल भी उठाने लगे हैं। पुजारा ने इस पूरी प्रतियोगिता में एक भी शतक नहीं लगाया। वो कई मौको पर ढेर सारी गेंदे खेलकर आउट हो गए और उनके बल्ले से बड़ी पारी देखने का मौका ही नहीं मिला। पुजारा ने इस पूरी प्रतियोगिता में 18 मैचों में 28.03 की औसत से 9 अर्धशतक लगाकर 841 रन बनाये।
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