टीम में लगातार बदलाव
भारतीय टीम जब भी टेस्ट मैच खेलने के लिए मैदान में उतरती है, उससे पहले टीम की अंतिम एकादश की भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल होता है। इस टीम ने अब 30 से अधिक मैचों में कभी भी एक ही टीम के साथ नहीं खेले हैं। इससे विराट की कप्तानी पर भी सवाल उठे हैं। टीम में ज्यादातर खिलाड़ियों में अनुभव की कमी है, लेकिन हर मैच में टीम में बदलाव होंगे, तो यह न ही टीम के लिए अच्छा होगा ना ही खिलाड़ियों के लिए।
एक खिलाड़ी हमेशा मैदान पर खेलना चाहता है, न कि ड्रेसिंग रूम में।धवन, रहाणे, भुवनेश्वर कुमार, करुण नायर (300 रन बनाने के बाद बाहर बैठाए गए) और रोहित शर्मा को टीम संयोजन के नाम पर टीम से बाहर बैठा दिया जाता है, तो हर खिलाड़ी के दिमाग में हमेशा अनिश्चितता बनी रहती है। खिलाड़ियों को टीम में लगातार मौका दिया जाना चाहिए।