टेस्ट क्रिकेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे पहले आया और इसे ही सबसे मुश्किल प्रारूप भी माना जाता है। भारतीय टीम ने आजादी से पहले टेस्ट दर्जा प्राप्त कर लिया था लेकिन पाकिस्तान और बांग्लादेश बाद में बने इसलिए इन टीमों ने बाद में टेस्ट दर्जा हासिल किया। टेस्ट क्रिकेट में कई दिग्गज खिलाड़ी अब तक हुए हैं जिन्हें वर्ल्ड क्रिकेट में बड़ी शिद्दत के साथ याद किया जाता है। भारतीय टीम ने भी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में टेस्ट क्रिकेट के महान खिलाड़ी दिए हैं।
कई बार खिलाड़ियों को टीम की रणनीति के अनुसार ही चलना होता है। उसमें बल्लेबाजी के लिए जमीनी शॉट और तकनीकी शॉट की हिदायत मिलती है। वीरेंदर सहवाग जैसे कुछ खिलाड़ियों को छोड़ दिया जाए तो बल्लेबाज टीम की जरूरत के हिसाब से खुद को रोककर भी खेलते थे। बड़े स्कोर का पीछा करते हुए टीमों का लक्ष्य यही होता था कि विकेट कम से कम गिरने चाहिए। दिग्गज खिलाड़ी अपनी बल्लेबाजी के दौरान इस बात का पूरा ध्यान रखते हुए अपना विकेट बचाने में सफल रहते थे लेकिन इसमें बेहद धीमी पारी खेलने से रन बिलकुल रुक जाते थे। इस आर्टिकल में टेस्ट क्रिकेट की ऑल टाइम 5 सबसे धीमी पारियों का जिक्र किया गया है।
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टेस्ट क्रिकेट की ऑल टाइम 5 सबसे धीमी पारियां
राहुल द्रविड़
भारतीय क्रिकेट की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ ने इंग्लैंड के खिलाफ 2007 में 96 गेंद खेलकर 12 रन बनाए थे। इस दौरान राहुल द्रविड़ का स्ट्राइक रेट 12 से थोड़ा ज्यादा का था। यह टेस्ट मुकाबला ड्रॉ के रूप में समाप्त हुआ था। राहुल द्रविड़ ने खुद को इस मैच में दीवार साबित कर दिया और क्रीज पर टिककर खड़े हो गए।
एबी डीविलियर्स
इस दक्षिण अफ़्रीकी खिलाड़ी ने 2015 में दिल्ली टेस्ट मैच के दौरान दक्षिण अफ्रीका की हार बचाने की पूरी कोशिश करते हुए 244 गेंद पर 25 रन की पारी खेली। उनके साथ क्रीज पर हाशिम अमला भी थे। डीविलियर्स की इस पारी के दौरान उनका स्ट्राइक रेट 10 का था। एबी डीविलियर्स ने दक्षिण अफ्रीका की हार बचाने के लिए इस तरह बल्लेबाजी की।
यशपाल शर्मा
इस भारतीय खिलाड़ी ने 1981 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 13 रन के लिए 157 गेंद खेली जिसमें 8 का स्ट्राइक रेट थे। भारतीय टीम 331 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी और यशपाल शर्मा ने मैच ड्रॉ कराने का फैसला लिया। अंत में उन्हें सफलता भी मिली और मुकाबला बेनतीजा समाप्त हो गया।
हनीफ मोहम्मद
पाकिस्तान के इस खिलाड़ी ने इंग्लैंड के खिलाफ 1954 में लॉर्ड्स के मैदान पर 20 रन बनाने के लिए 223 गेंदों का सामना किया। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 9 का था। उनकी इस बल्लेबाजी की बदौलत पाकिस्तान ने मुकाबला ड्रॉ कराने में सफलता प्राप्त की थी।
जेफ़ अलॉट
न्यूजीलैंड के इस खिलाड़ी ने 76 गेंद का सामना किया लेकिन शून्य रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट भी जीरो का ही रहा था। 1999 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ न्यूजीलैंड के लिए फॉलोऑन बचाने का प्रयास करते हुए अलॉट ने यह पारी खेली। ग्यारहवें नम्बर पर आकर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने लम्बे समय तक टिककर दक्षिण अफ़्रीकी गेंदबाजी का सामना किया और अंत में जैक्स कैलिस की गेंद पर आउट हो गए।