क्रिकेट के तीनों फॉर्मेटों में अगर सबसे ज्यादा कठिन और मजेदार फॉर्मेट है तो वो है टेस्ट। जिसमें बल्लेबाजों के साथ गेंदबाजों के भी धैर्य और कुशलता की परीक्षा होती है। मौजूदा समय में भले ही कुछ युवा खिलाड़ी इस फॉर्मेट से संन्यास ले रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद आज भी ये फॉर्मेट क्रिकेट फैंस में पहले की तरह लोक्रप्रिय है।टेस्ट क्रिकेट के इतिहास की बात करें तो अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहला टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मार्च 1877 में खेला गया था।
जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने 45 रनों से जीत हासिल की थी। जबकि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहला शतक भी इसी मैच में ऑस्ट्रेलिया की तरफ से चार्ल्स बैनरमैन के बल्ले से निकला था। उसके बाद से टेस्ट क्रिकेट में शतकों का ये सिलसिला चालू हुआ था। हर एक खिलाड़ी का सपना होता है कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर वो अपने देश के लिए एक टेस्ट शतक जरूर बनाये।
परन्तु हर बल्लेबाज ये कारनामा नहीं कर पाता। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में ऐसे कई बल्लेबाज हुए हैं जिन्होनें अपने डेब्यू टेस्ट और करियर के आखिरी टेस्ट मैच में शतक लगाकर क्रिकेट को अलविदा कहा है। आज इस आर्टिकल में हम ऐसे ही 5 बल्लेबाजों के बारे में बात करेंगे।
1. रैगी डफ (ऑस्ट्रेलिया)
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज रैगी डफ अपने करियर के पहले और अंतिम टेस्ट में शतक जड़ने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज थे। डफ ने अपना डेब्यू टेस्ट जनवरी 1902 को इंग्लैंड के विरुद्ध मेलबर्न के मैदान पर खेला था। जिसमें उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में 104 रनों की पारी खेली थी।
अपने करियर का अंतिम टेस्ट उन्होंने 14 अगस्त 1905 को इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने 147 रनों की शतकीय पारी खेली थी। अपने 22 मैचों के टेस्ट करियर में डफ के नाम दो और 6 अर्धशतक हैं।